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36 लाख टन से उत्पादन पहुंचा 100 टन

बेरमो: सीसीएल का ढोरी एरिया पूरे कोल इंडिया में बेहतर कोयला उत्पादन के लिए चर्चित है. कोल उत्पादन के मामले में सीसीएल को शिखर पर पहुंचाने में ढोरी एरिया की अहम भूमिका है. इसे सीसीएल का उच्च प्रबंधन भी स्वीकार करता है. एक समय था जब ढोरी एरिया अपने तीन-चार इंकलाइनों के बदौलत सालाना चार-पांच […]

बेरमो: सीसीएल का ढोरी एरिया पूरे कोल इंडिया में बेहतर कोयला उत्पादन के लिए चर्चित है. कोल उत्पादन के मामले में सीसीएल को शिखर पर पहुंचाने में ढोरी एरिया की अहम भूमिका है. इसे सीसीएल का उच्च प्रबंधन भी स्वीकार करता है. एक समय था जब ढोरी एरिया अपने तीन-चार इंकलाइनों के बदौलत सालाना चार-पांच लाख एमटी कोयला उत्पादन कर पाता था. लेकिन अब इस एरिया का उत्पादन 10 मिलियन (100 लाख टन) के करीब हो गया है.

वित्तीय वर्ष 13-14 में ढोरी एरिया ने रिकॉर्ड 10 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया था. वहीं सीसीएल में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था. 10 मिलियन टन के रिकॉर्ड कोयला उत्पादन से इस एरिया को करीब सात सौ करोड़ का मुनाफा हुआ था. वित्तीय वर्ष 14-15 में पुन: इस एरिया ने 92.11 लाख टन उत्पादन कर कंपनी में दूसरा स्थान प्राप्त करते हुए 750 करोड़ का मुनाफा कमाया. एरिया की एसडीक्यू थ्री तारमी परियोजना भी पिछले कई वर्षो से बेहतर उत्पादन कर रहा है. 10 मिलियन उत्पादन में तारमी का आधा सहयोग रहा. एसडीक्यू वन कल्याणी व अमलो परियोजना भी निर्धारित लक्ष्य के अनुसार उत्पादन कर रहा है.

एक दशक में उत्पादन में वृद्धि : पिछले दस वर्षो के आंकड़े पर गौर करें तो ढोरी एरिया ने कोयला उत्पादन के मामले में उत्तरोतर वृद्धि की है. डेढ़ दशक पहले सालाना 36 लाख टन से ढोरी एरिया ने अपना सफर शुरू किया. इसके बाद 41 लाख टन तथा वित्तीय वर्ष 05-06 में इस एरिया का उत्पादन 52 लाख टन के आसपास पहुंच गया. वित्तीय वर्ष 10-11 में 70 लाख टन, 11-12 में 75.39 लाख टन, 12-13 में 86.30 लाख टन तथा 13-14 में 100 लाख टन तथा 14-15 में 92.11 लाख टन कोयले का उत्पादन किया गया.
ग्रोथ बढ़ाने में कुशल महाप्रबंधकों का योगदान : वर्ष 2000 के बाद ढोरी प्रक्षेत्र में आये कई कुशल महाप्रबंधकों के कारण एरिया का उत्पादन ग्रोथ बढ़ा. इसमें नवाब सिंह यादव, एमके सोनी, एमसी सिंघल के कार्यकाल में एरिया का लगातार उत्थान होता रहा. वित्तीय वर्ष 10-11 में महाप्रबंधक के रूप में कथारा एरिया से यूएस सिंह ने यहां जीएम पदभार ग्रहण किया. श्री सिंह के कार्यकाल में उत्पादन ग्रोथ 70-75 लाख टन के करीब पहुंच गया. हालांकि बाद में श्री सिंह कोल शॉर्टेज मामले में विजिलेंस के हत्थे चढ़ गये. श्री सिंह के बाद पिपरवार से चरण सिंह को ढोरी का जीएम बनाया गया. इनके कार्यकाल के पहले वर्ष में 86 लाख टन तथा दूसरे साल के कार्यकाल में 10 मिलियन उत्पादन का ग्रोथ पहुंचा. गत वर्ष एरिया में नये जीएम के रुप में प्रभाकर चौकी ने योगदान दिया. श्री चौकी के कार्यकाल में उत्पादन 92.11 लाख टन किया गया.
सीसीएल के उत्पादन में ढोरी का अहम योगदान : सीएमडी
सीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा : सीसीएल ने वित्तीय वर्ष 14-15 में 55.64 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया. इसमें ढोरी की भूमिका अहम है. इसके लिए यहां के अधिकारी व कामगार बधाई के पात्र हैं. श्री सिंह ने कहा कि उत्पादन-उत्पादकता हमारे लिए महत्वपूर्ण है लेकिन उससे ज्यादा महत्वपूर्ण हमारे परिवार के एक-एक सदस्यों का सर्वागीण विकास है.

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