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चैती छठ : नहाय-खाय आज
बोकारो: कोपी-कोपी बोलेली छठी मइया.., केलवा के पात पर उगेले.., कांच ही बांस के बहंगियां.. छठ गीत गूंज रहे हैं. सोमवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व चैती छठ शुरू होगा. खरना मंगलवार को है. भगवान भास्कर को पहला अघ्र्य बुधवार व दूसरा अघ्र्य गुरुवार को दिया जायेगा. छठ व्रती तैयारी में जुट गये […]
बोकारो: कोपी-कोपी बोलेली छठी मइया.., केलवा के पात पर उगेले.., कांच ही बांस के बहंगियां.. छठ गीत गूंज रहे हैं. सोमवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व चैती छठ शुरू होगा. खरना मंगलवार को है. भगवान भास्कर को पहला अघ्र्य बुधवार व दूसरा अघ्र्य गुरुवार को दिया जायेगा. छठ व्रती तैयारी में जुट गये हैं.
नहाय-खाय आज
सोमवार को छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होगी. इस दिन को कद्दू-भात के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रती कद्दू की सब्जी और अरवा चावल का भात ग्रहण करती हैं. रात में भी व्रती कद्दू की सब्जी के साथ ही रोटी ग्रहण करती हैं. उधर, कद्दू-भात को लेकर दुंदीबाग बाजार व आस-पास के इलाकों में रविवार को कद्दू की बिक्री खूब हुई.
शुद्धता पर जोर
छठ पर्व में शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. व्रती चार दिनों तक स्वयं तो शुद्ध रहते ही हैं, साथ ही साथ उनके आस-पास और उपयोग की सभी वस्तुएं भी शुद्ध रखी जाती है. इसको ध्यान में रखते हुए व्रती सोमवार से बिस्तर त्याग देंगे. जमीन पर कंबल या दरी बिछा कर अगले चार दिनों तक सोयेंगे.
खरना कल
मंगलवार को खरना है. इसमें व्रती महिलाएं दिन भर उपवास रखती है. शाम में खरना का प्रसाद खीर नियम-निष्ठा के साथ बनाती है. विधिवत पूजा-अर्चना करती है. उसके बाद प्रसाद ग्रहण कर उपवास तोड़ती है. फिर, श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं. खरना के प्रसाद की बहुत महत्ता होती है.
घाट की सफाई
उधर, श्रद्धालु छठ घाट की साफ-सफाई व रंग-रोगन को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सिटी पार्क, जगन्नाथ मंदिर, टुटेन गार्डेन, गरगा डैम, गरगा नदी सहित चास-बोकारो के अन्य छठ घाटों की रविवार को लिपाई-पुताई की गयी. सोमवार व मंगलवार को घाट को अंतिम रूप दिया जायेगा.
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