बोकारो : माह बैशाख और अनुभव जेठ का! धरती तपने लगी है. सूरज भगवान आग उगल रहे हैं. शरीर से पसीना सूखने का नाम नहीं ले रहा है.
जी हां, गरमी का यही हाल है. सुबह 10 बजे ही चिलचिलाती धूप ने लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है.
दोपहर में हवा चलने के कारण लू जैसा लग रहा है. आलम यह है कि दोपहर 12 बजे के बाद सड़कों व बाजारों में सन्नाटा पसर जाता है. कई स्कूलों में गरमी की छुट्टियां हो गयी हैं. कुछ में एक -दो दिन बाद होगी. उधर, सरकारी स्कूलों का टाइम टेबल बदल गया है.