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डीआरडीओ सेंटर के लिए नहीं हो पा रहा भूमि अधिग्रहण

ग्राम स्तरीय फोरेस्ट कमेटी ने कर दिया है बहिष्कार संतालियों के धार्मिक स्थल लुगू बुरू घांटाबाड़ी के कारण भी फंसा है पेच बोकारो : ललपनिया में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) के केंद्र निर्माण मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. भारत सरकार व डीआरडीओ ने बोकारो के ललपनिया में केंद्र के लिए […]

ग्राम स्तरीय फोरेस्ट कमेटी ने कर दिया है बहिष्कार
संतालियों के धार्मिक स्थल लुगू बुरू घांटाबाड़ी के कारण भी फंसा है पेच
बोकारो : ललपनिया में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) के केंद्र निर्माण मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. भारत सरकार व डीआरडीओ ने बोकारो के ललपनिया में केंद्र के लिए दो हजार एकड़ वन भूमि को चिह्न्ति किया है. एक वर्ष में अबतक भूमि अधिग्रहण का एक प्रतिशत भी कार्य पूरा नहीं हुआ है. जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की, लेकिन इतनी बड़ी जमीन के लिए ग्राम स्तरीय फोरेस्ट कमेटी ने अधिग्रहण के लिए हुई बैठक का बहिष्कार कर दिया.
ग्रामीणों को समझाने में जुटा है प्रशासन
प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए बैठक आयोजित किये जा रहे हैं. प्रशासन इस संबंध में डीआरडीओ को भी स्थिति से अवगत करायेगा. प्रशासन का कहना है कि ग्राम स्तरीय फोरेस्ट कमेटी अपने थोड़े स्वार्थ के लिए इतने बड़े प्रोजेक्ट को बाधित नहीं कर सकती. राष्ट्रीय प्राथमिकता के कारण सरकार को मामले में हस्तक्षेप के लिए लिखा जायेगा.
संतालियों का धार्मिक स्थल भी है
संथालियों के धार्मिक स्थल होने के कारण लुगू बुरू घांटाबाड़ी मामले में पेच फंसा है. इसके कारण भी विरोध हो रहा है. प्रशासन ने धार्मिक स्थल के आस पास के की जमीन को केंद्र के लिए अधिग्रहित नहीं करने कर रणनीति बनायी है, ताकि धार्मिक स्थल पर प्रभाव नहीं पड़े. मालूम हो कि डीआरडीओ केंद्र अगर ललपनिया में स्थापित हो जाता है तो यह भारत के नक्शे पर चिह्न्ति हो जायेगा.
क्या है डीआरडीओ
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के अधीन काम करता है. डीआरडीओ रक्षा प्रणालियों के डिजाइन एवं विकास और तीनों रक्षा सेवाओं की अभिव्यक्त गुणात्मक आवश्यकताओं के अनुसार हथियार प्रणालियों और उपकरणों के उत्पादन की दिशा में काम करता है. डीआरडीओ सैन्य प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहा है, जिसमें वैमानिकी, शस्त्र, संग्राम वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग प्रणाली, मिसाइल, सामग्री, नौसेना प्रणाली, उन्नत कंप्यूटिंग, सिमुलेशन और जीवन विज्ञान शामिल हैं.
ग्राम स्तरीय फोरेस्ट कमेटी से एनओसी की बाध्यता
वन भूमि अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन के लिए ग्राम स्तरीय फोरेस्ट कमेटी से एनओसी लेना बाध्यता है. उसके बाद ही अगली कार्रवाई होगी. ग्रामीण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान के लिए वन भूमि देने के मूड में नहीं है.लगभग दो हजार वन भूमि के बीच कुछ एकड़ रैयतों की जमीन भी है जो रैयत नहीं देना चाह रहें है.

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