बोकारो: बोकारो के विभिन्न सेक्टरों में रहने वाले लगभग सभी इस्पातकर्मी सुरेश पाठक को जानते हैं. पर्यावरण प्रेमी के रूप में इनकी ख्याति फैली हुई है. लगभग 68 वर्ष के श्री पाठक किसी भी पौधों के बारे में उनकी पूरी जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं. मसलन किस मौसम में इसे लगाना चाहिए, कितना खाद चाहिए, फूल आने में कितना वक्त लगेगा, फल कितने दिनों में तैयार हो जायेगा आदि. सुबह जगते ही ये हाथों में झाड़ू थाम बागान में गिरे एक-एक पत्ते को साफ करते हैं.
इसके बाद पौधों को पानी देते हैं. जब बागान में हरियाली छा जाती है, तो बाहर तक झाड़ू लगा कर सफाई करते हैं. यह सिलसिला पिछले कितने वर्षो से चल रहा है, उन्हें भी याद नहीं. याददाश्त पर जोर डालते हुए कहते हैं : नौकरी से पूर्व गांव में खेती में हाथ बंटाता था. बोकारो आने के बाद खेती को मन बेचैन हुआ, तो लग गये बागबानी करने. श्री पाठक के साथ-साथ परिवार के सभी सदस्य सुबह पौधों में डालते हैं. इसके बाद दिनचर्या की शुरुआत करते हैं.
पौधों में बसती है इनकी जान : श्री पाठक सेक्टर आठ ए/1065 में रहते हैं. यह स्थायी रूप से बक्सर जिला (बिहार) के डुमरांव थाना स्थित मठिला गांव के निवासी हैं. वर्ष 1972 में बोकारो स्टील प्लांट में सेवा की शुरुआत की. छह वर्ष पूर्व वर्ष 2008 में बीएसएल से सेवानिवृत्त हो गये. आवास में पत्नी, पुत्र जीवानंद पाठक, हरेराम पाठक, हरे कृष्ण पाठक, पुत्री मीरा मिश्र, पौत्री सुनिधि के साथ रहते हैं. पौधों में इनकी जान बसती है.
40 प्रकार के फल-फूल व सब्जी हैं बागान में : श्री पाठक के बागान में आम, जामुन, अमरूद, बेल, सहजन, कड़ी पता, नींबू, ईंख, कटहल, केला, पालक, बंदा गोभी, फूल गोभी, बैगन, मूली, बींस, बीट, धनिया, मेथी, केराव, मटर, बेर, सरसों, पपीता, टमाटर, लहसुन, मिर्चा, तुलसी, गुलाब, तीन प्रकार के उड़हुल, गेंदा, शो ट्री, पाम ट्री, मनी प्लांट, क्रिसमस ट्री, जटैला फूल, बांबू शो ट्री, कैकटस सहित कई प्रकार के शो ट्री गमले में लगे हुए हैं.