बोकारो: बोकारो के शहरी इलाके में साक्षरता का प्रतिशत 85 है, तो दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में मात्र 49 प्रतिशत. बोकारो शहर से हर वर्ष विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर सैकड़ों बच्चे देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
इस उत्कृष्ट शिक्षा को ग्रामीण इलाके में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बच्चियों को मुहैया कराने के उद्ेश्य से स्पीड नामक प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है. यह कहना है बोकारो के डीसी उमाशंकर सिंह का. वह बुधवार को बोकारो स्पीड के लाँचिंग के मौके पर बोल रहे थे. कहा : वोलेंटियर के रूप में पढ़ाने को इच्छुक व्यक्ति बोकारो डीसी के फेसबुक एकाउंट, बोकारो प्रशासन के बेबसाइट, के अलावा कॉल कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है. डीसी ने मौके पर मौजूद शिक्षकों से कहा : आपका बहुमूल्य समय देने से कस्तूरबा की बच्चियों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार संभव है. इससे समाज में बदलाव आ सकता है.
बताया रजिस्ट्रेशन का तरीका : डीसी ने मौके पर मौजूद शिक्षकों व प्रिंसिपल को स्पीड के तहत रजिस्ट्रेशन प्रिंसिपिल को स्पीड के तहत रजिस्ट्रेशन करने के साथ आने-जाने व जिला प्रशासन से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी. पढ़ाने में किसी प्रकार की कठिनाई होने पर किस अधिकारी से संपर्क करना है यह भी बताया.
शिक्षकों ने दिखायी रुचि : स्पीड के लाँचिंग को लेकर डीसी ने बोकारो जिले के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल तथा कोचिंग संस्थानों के संचालकों को बुलाया था. लगभग दो सौ से अधिक लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया. दर्जनों शिक्षकों ने स्पीड में के माध्यम से कस्तूरबा में पढ़ाने में रुचि दिखायी.
दे सकते हैं अपना सुझाव : कस्तूरबा में वोलिेंटियर के रूप में पढ़ाने जाने वाले शिक्षक व छात्र अपना सुझाव बोकारो के फेसबुक वॉल पर दे सकते हैं. सुझाव पर बोकारो के उपायुक्त स्वयं अवलोकन करने के बाद अमल करने का प्रयास करेंगे.