राकेश वर्मा, बेरमो : 15 जून 2017 से धनबाद-चंद्रपुरा लाइन की बंदी बोकारो-धनबाद की आबादी के लिए एक बुरी खबर थी.कुछ आंदोलन भी चले. समय के साथ सभी ठंडे पड़ते गये, लेकिन अस्तित्व का प्रश्न बनाया गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने. 19 माह तक अनवरत लोकसभा से मंत्री व विभागीय अधिकारियों तक हर मोर्चे पर उनका सक्रिय रहना काम आया. मुद्दे को लगातार जिला कर रखने का ही असर है कि अंतत: डीसी लाइन डेंजर जोन से बाहर आयी और रेलवे बोर्ड ने आगामी 15 फरवरी से इस पर पुन: ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी.
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बेरमो : सांसद के प्रयास से डेंजर जोन से निकली डीसी लाइन, 15 फरवरी से डीसी लाइन पर ट्रेन चलाने की मिली अनुमति
राकेश वर्मा, बेरमो : 15 जून 2017 से धनबाद-चंद्रपुरा लाइन की बंदी बोकारो-धनबाद की आबादी के लिए एक बुरी खबर थी.कुछ आंदोलन भी चले. समय के साथ सभी ठंडे पड़ते गये, लेकिन अस्तित्व का प्रश्न बनाया गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने. 19 माह तक अनवरत लोकसभा से मंत्री व विभागीय अधिकारियों तक हर मोर्चे […]
मुद्दे को अनवरत जिलाये रखा : गत 11 जनवरी 2018 को सांसद ने केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से दिल्ली में मिलने के बाद 12 जनवरी 2018 को सांसद ने डीसी लाइन को चालू करने के मुद्दे पर रेल व कोयला मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में मुलाकात की थी. इसके बाद मंत्री श्री गंगवार की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें बंद डीसी लाइन पर एचपीसीसी से रिपोर्ट तलब की गयी.
मौके पर डीजीएमएस, सिंफर, रेलवे व बीसीसीएल के अधिकारियों के अलावा सांसद रवींद्र पांडेय भी मौजूद थे. मौके पर सांसद भूमिगत आग के आकलन में डीजीएमएस की दक्षता पर सवाल किया था. 22 दिसंबर 2018 को सांसद ने धनबाद में डीआरएम एके मिश्रा से मुलाकात की. करीब सात-आठ माह पूर्व भी सांसद श्री पांडेय ने केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से दिल्ली में मुलाकात कर इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया था.
इसके बाद श्री गंगवार ने एक कमेटी का गठन कर डीजीएमएस को इसका रिव्यू करने को कहा था. इसके बाद सांसद श्री पांडेय की अध्यक्षता में डीजीएमएस, सिंफर, रेलवे व बीसीसीएल के अधिकारियों ने बैठक में रिव्यू कर रिपोर्ट सौंप दी थी. सांसद श्री पांडेय ने 2018 में तत्कालीन कोल सचिव सुरेश कुमार के बीसीसीएल दौरे के क्रम में भी मुलाकात कर डीसी लाइन मामले पर अपना पक्ष रखा था.
इसी मामले में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा से मिल कर उन्हें डीसी लाइन चालू करने संबंधित ज्ञापन सौंपा था. इसी कड़ी में रेलवे बोर्ड हाजीपुर के जीएम से मुलाकात की. कोलकाता के गार्डन रिच स्थित दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्यालय में दो बार आयोजित पूर्व मध्य रेलवे की संसदीय समिति की बैठक में डीसी लाइन के मामले को प्रभावी ढंग से उठाया.
अभियान का सार्थक प्रभाव : बताते चलें कि सांसद श्री पांडेय पूर्व मध्य रेलवे की संसदीय समिति के धनबाद मंडल के अध्यक्ष हैं. 2018 में धनबाद दौरे पर आये केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार के समक्ष भी उन्होंने मामले को रखा. डीसी लाइन को बंद करने के वक्त तत्काल तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु के समक्ष सांसद ने मामले को रखते हुए ज्ञापन सौंपा था.
बहरहाल डीजीएमएस की रिपोर्ट पर भारत सरकार के निर्देश के बाद 19 महीने से बंद पड़ी डीसी लाइन पर फिर से 15 फरवरी से ट्रेन चलेगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश के बाद धनबाद-चंद्रपुरा रेल खंड पर ट्रेन चलाने के लिए ट्रैक समेत सभी संसाधनों को दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. डीआरएम एके मिश्रा भी रेल अधिकारियों की टीम के साथ ऑटोमेटिक मोटर ट्रॉली से धनबाद से चंद्रपुरा तक रेल लाइन का निरीक्षण कर चुके हैं.
क्या था राइट्स का सर्वे : राइट्स की सर्वे में कहा गया था कि धनबाद-चंद्रपुरा की मौजूदा लाइन पर टुंडू से चंद्रपुरा तक 19 किमी नयी लाइन बिछाने की आवश्यकता नहीं है. मालूम हो कि पूर्व में धनबाद से टुंडू तक 23 किमी लंबी लाइन बिछाने को लेकर राइट्स ने रेलवे बोर्ड को प्रस्तावित सर्वे रिपोर्ट सौंपी थी. इसके तहत 592 करोड़ में डीसी लाइन का नया विकल्प तलाशा गया था.
डीसी लाइन मुद्दे पर पत्राचार की है लंबी फेहरिस्त
15 जून 2017 में डीसी लाइन की बंदी के बाद सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने संबंधित मंत्रियों व विभागीय अधिकारियों से पत्राचार की झड़ी लगा दी. इस पत्राचार की लंबी फेहरिस्त है.
26 सितंबर 2017 को सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने तत्कालीन रेल मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखा. पत्र में जिक्र था कि डीसी लाइन डीजीएमएस की रिपोर्ट के आधार पर 15 जून 2017 से बंद कर दी गयी है. यह धनबाद कोयलांचल की लाइफ लाइन थी. औसतन प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक यात्री सफर करते थे. इससे रेलवे को करोड़ों का राजस्व मिलता था. इस रेल खंड के बंद होने से बड़े पैमाने पर होनेवाली कोल ट्रांसपोर्टिंग प्रभावित हुई और लाखों की आबादी प्रभावित है. इस रेल लाइन की बंदी का दूरगामी प्रभाव होगा.
3 अगस्त 2017 को रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) एम जमशेद को पत्र लिखकर कहा कि डीसी लाइन के बंद होने से आम जनता परेशान है. उन्होंने रेल लाइन चालू करने की बाबत प्रगति की जानकारी मांगी थी. जनहित में उन्होंने इसे शीघ्र चालू करने का आग्रह किया था. 11 मार्च 2018 को उनसे मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.
23 अगस्त 2017 को सांसद ने कोयला मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा. इसमें डीसी लाइन के बंद होने का हवाला देते हुए डीजीएमएस के साथ पांच सितंबर को होने वाली मीटिंग का जिक्र किया था.
17 अक्तूबर 2017 को सांसद ने डीजीएमएस धनबाद को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने 10 जून 2017 को डीजीएमएस के साथ हुई मीटिंग में खुद के द्वारा मांगी गयी सूचनाओं का जिक्र किया.
17 अक्तूबर 2017 को ही सांसद ने डीजीएमएस धनबाद को एक अन्य पत्र लिखा था. इसमें पांच सितंबर 2017 को डीजीएमएस ऑफिस में डीसी लाइन के मुद्दे पर हुई मीटिंग का जिक्र किया.
19 नवंबर 2017 को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखा.
18 जून 2018 को सांसद ने मंत्री रेल एवं कोयला
30 जुलाई 18 को सांसद ने रेल मंत्री को पत्र लिखा.
30 अगस्त 2018 को सांसद ने रेल मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखकर डीसी लाइन पर पुन: ट्रेन का परिचालन किये जाने की मांग की.
8 अक्तूबर 2018 को सांसद ने पुन: श्रम मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखा. इसमें कहा कि 124 साल पुरानी डीसी लाइन के बंद होने के एक साल बीत जाने के बाद भी आजतक ना तो इसका विकल्प ही तय हुआ और ना ही तथाकथित अग्नि प्रभावित रेलवे लाइन के नीचे के क्षेत्र का आग बुझाया गया.
11 अक्तूबर 2018 को सांसद ने श्रम मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखकर डीसी लाइन की भूमिगत आग की अद्यतन स्थिति एवं लाइन के स्थायित्व की पुनर्समीक्षा करने का आग्रह किया.
15 दिसंबर 2018 को सांसद ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा. इसमें उन्होंने डीसी लाइन के नीचे कोयला निकालने के पहले वैकल्पिक लाइन बिछाने के कार्य हेतु निजी स्तर से यथोचित कार्रवाई का अनुरोध किया था.
23 दिसंबर 2018 को सांसद ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिल कर ज्ञापन सौंपा.
17 मार्च 2018 को सांसद ने लोकसभा में डीसी लाइन के बंद होने का मामला उठाते हुए डीसी लाइन चालू करने की मांग की.
चलता रहा मुलाकात का दौर
9 मार्च 2018 को सांसद ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात की. मंत्री ने रेल लाइन के नीचे की भूमिगत आग की जांच की बात कही.
15 मार्च 2018 को भी सांसद ने लोकसभा में डीसी लाइन बंदी का मामला उठाया.
27 जून 2018 को सांसद ने धनबाद रेल मंडल के डीआरएम एके मिश्रा से मुलाकात कर डीसी लाइन को चालू करने की मांग की. डीआरएम ने बगैर डीजीएमएस की हरी झंडी के इस पर ट्रेन चलाने को मुश्किल बताया.
2 अगस्त 2018 को लोकसभा में मामला उठाते हुए सरकार से डीसी लाइन को अविलंब चालू करने की मांग की.
सीसीसी की बैठक में भी उठाते रहे मामला
सांसद रवींद्र कुमार पांडेय कोल कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक में भी लगातार डीसी लाइन के बंद होने का मामला उठाते रहे.
17 मार्च 2018 को सांसद ने धनबाद रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षालय का उद्घाटन करते हुए रेलवे व कोयला मंत्रालय को चेताते हुए कहा था कि डीसी लाइन के नीचे आग की जांच किस एक्सपर्ट ने की?
क्योंकि खान सुरक्षा निदेशालय, डीजीएमएस के पास तो इसका एक्सपर्ट है नहीं?दो नवंबर 2018 को सांसद श्री पांडेय ने दिल्ली में संपन्न कमेटी की बैठक में डीसी लाइन बंद करने का मामला उठाते हुए कहा था कि आग लगा कोयला गिरा कर कोल सचिव को दिग्भ्रमित किया गया. कहा था कि बीसीसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत से कोल सचिव के दौरे के पूर्व रेल पटरी पर दस ट्रक आग लगा कोयला गिरा कर दिखाया गया.
राहत का झोंका आया 24 जनवरी 2019 को
21 जुलाई 2018 को इसीआर के जीएम ललित चंद्र त्रिवेणी ने बंद डीसी लाइन का निरीक्षण करने के बाद कहा कि डीसी लाइन के वैकल्पिक रूट का निर्माण नहीं होगा.
सात सितंबर 2018 को डीआरएम कार्यालय धनबाद में मंडल संसदीय समिति की बैठक में इसीआर के जीएम ललित चंद्र से बैठक में मौजूद सभी छह सांसदों ने बंद डीसी रेल लाइन का विकल्प मांगा. रेल जीएम ने सिंफर के वैज्ञानिकों से आग बुझने का तरीका सुझाने को कहा?
24 जनवरी 2019 को रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) शैलेश कुमार पाठक ने डीजीएमएस के डीजी पीके सरकार, डीआरएम व बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ रेलवे ट्रैक का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने डीसी रेलखंड पर ट्रेन चलाने के संकेत दिये. सीआरएस ने ट्रैक को सुरक्षित बताते हुए ट्रेन के जल्द चलने का संकेत दिया.
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