बोकारो: बीएसएल एलएच स्थिति एआरएस पब्लिक स्कूल की विज्ञान की छात्र कृतिका कुमारी, डीएवी-4 के विज्ञान के छात्र सर्वेश, सेक्टर-12 स्थित दी पेंटीकॉस्टल असेंबली स्कूल के आकाश शर्मा सहित इनके जैसे अन्य छात्रों का सपना साकार होगा.
सभी स्टूडेंट्स सिविल सेवा में जाना चाहते है. ऐसे विद्यार्थियों के सपनों को आकार देने में अब सीबीएसइ मदद करेगा. सीबीएसइ स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब पढ़ाई के साथ ही बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जायेगा. बोर्ड की ओर से इस बार फैसला लिया गया है कि सिविल सर्विस के बदले पैटर्न की जानकारी बच्चों को दी जाये, ताकि वे अभी से टेस्ट के बारे में रू-ब-रू हो सकें. शुरुआत इसी एकेडमिक सीजन से होगी.
पैटर्न के बारे में सीखने को मिलेगा
सीबीएसइ के सभी स्कूलों में क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड कांटेस्ट 2014 शुरू किया गया है. इस कांटेस्ट से नौंवी से 12वीं कक्षा के छात्रों को जोड़ा जायेगा. सीबीएसइ अधिकारियों का मानना है कि इस योजना से बच्चों को लाभ होगा. उन्हें पढ़ते समय ही सिविल सर्विस के पैटर्न के बारे में सीखने को मिलेगा, जो टेस्ट के समय उनके काम आयेगा.
..ताकि छात्र को कोचिंग न लेनी पड़े
गत वर्ष सिविल सर्विस का पैटर्न बदल दिया गया था. यह बदलाव लंबे समय के बाद किया गया था. अन्य गतिविधियों को चलाने के बाद अब सीबीएसइ ने छात्रों को सिविल सर्विस के बदले पैटर्न से गुजारने का प्लान बनाया है, ताकि सिविल सर्विस के टेस्ट की योग्यता पूरी करने के बाद उन्हें कोचिंग न लेनी पड़े.
सिविल सेवा की राह मुश्किल नहीं होगी
लगातार चार साल इस पैटर्न को जानने के बाद उनके लिए सिविल सर्विस की राह मुश्किल नहीं होगी. बड़ी कक्षाओं को चुनने के लिए पीछे यह मकसद है कि स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के उच्च शिक्षा के साथ-साथ कई अन्य एक्टिविटी में व्यस्त हो जाते हैं. कॉलेज या यूनिवर्सिटी में इस तरह अलग से सिविल सर्विसेस या अन्य बड़ी प्रतियोगिता के बारे में नहीं बताया है.
टीचर भी आजमा सकते हैं भाग्य
यह प्लान सिर्फछात्रों के लिए नहीं, बल्किस्कूल में पढ़ाने वाले टीचरों के लिए भी बनाया गया है. अध्यापकों को पहले पैटर्न की जानकारी दी जायेगी. उसके बाद वे आगे बच्चों को इस बारे में बतायेंगे. बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी नये पैटर्न से रूबरू होने का मौका मिल सकेगा. अगर कोई शिक्षक सिविल सर्विसेस में भाग्य आजमाना चाहता है, तो उसको आसानी रहेगी.