बोकारो: पुंदाग स्थित आनंद मार्ग आश्रम में आयोजित तीन दिवसीय धर्म महा सम्मेलन का समापन रविवार को हो गया. इस दौरान 71 घंटे के अखंड कीर्तन बाबा नाम केवलम की आवाज से आश्रम परिसर गूंज रहा था. आचार्य वीतमोहानंद अवधूत ने सभी भक्तों को कीर्तन का महत्व समझाया. बताया कि चैतन्य महाप्रभु ने कीर्तन की शुरुआत की थी.
उसे श्रीश्री आनंद मूर्ति ने आगे बढ़ाया. साधना में साधक भगवान के पास जाने का प्रयास करते हैं, जबकि कीर्तन करने से भगवान भक्त के पास आते हैं. माहौल को भक्तिमय बनाने के लिए हावड़ा व जमशेदपुर से आये आनंद मार्गियों ने संगीत गोष्ठी में भाग लिया. उमा निवास की छात्राओं ने प्रभात संगीत पर नृत्य पेश कर लोगों का मन मोह लिया.
मौके पर श्रीश्री आनंद मूर्ति की पुस्तकें, प्रभात संगीत व कीर्तन की कई किताबें, औषधि लोगों ने हाथो हाथ लिया. आचार्य किशंकु रंजन सरकार ने योग की विस्तार से चर्चा की. कहा : योग एक अर्थ जोड़ना है. योग तीन स्तर पर करना होगा. आज योग का अर्थ योगासन तक ही सीमित रह गया है. जो योग का एक अंश है. मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुगण मौजूद थे.