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हैसाबातु जलापूर्ति योजना को लेकर कवायद शुरू

बीएसएल के अधिकारियों के साथ डीसी ने की बैठक बोकारो : जिला माइनिंग फंड ट्रस्ट की राशि से बनने वाली हैसाबातु जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारने का मार्ग धीरे-धीरे प्रशस्त हो रहा है. हालांकि योजना का काम शुरू होने में अभी कुछ समय और लग सकता है. बुधवार को बोकारो डीसी राय महिमापत रे […]

बीएसएल के अधिकारियों के साथ डीसी ने की बैठक

बोकारो : जिला माइनिंग फंड ट्रस्ट की राशि से बनने वाली हैसाबातु जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारने का मार्ग धीरे-धीरे प्रशस्त हो रहा है. हालांकि योजना का काम शुरू होने में अभी कुछ समय और लग सकता है. बुधवार को बोकारो डीसी राय महिमापत रे की अध्यक्षता में हैसाबातू जलापूर्ति योजना के संबंध में बैठक हुई. समाहरणालय में हुई बैठक में बीएसएल के अधिशासी निदेशक (प्रशासन) नगर प्रशासन के महाप्रबंधक राजवीर सिंह अलावा चास एसडीओ सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे.
बैठक में जलापूर्ति योजना के लिए भूमि को लेकर चर्चा हुई. हैसाबातू जलापूर्ति योजना के लिए जल स्रोत संयत्र लगाने के लिए गरगा डैम के पास 3.1 एकड़, हैसाबातू पश्चिमी दरगाह के बगल में जलमिनार के लिए .23 एकड़, रीतुडीह में जलमिनार के लिए .22 एकड़ व नरकेरा विस्थापित कॉलेज के बगल में .23 एकड़ भूमि की आवश्यकता है. उक्त क्षेत्र में भूमि बीएसल के अधीन है. निर्माण कार्य शुरू करने के पूर्व बीएसएल की सहमति आवश्यक है. बताते चलें कि पेयजल स्वच्छता विभाग ने हैसाबातू जलापूर्ति योजना के लिए अगस्त माह में ही टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी कर चुका है. भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण इस योजना का कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है. डीएमएफटी के तहत इस योजना पर 37 करोड़ का व्यय होगा.
इन गांवों को मिलेगा योजना का लाभ
गरगा डैम का पानी चास प्रखंड के नरकेरा पुनर्वास, गोड़ाबाली उत्तरी, गोड़ाबाली दक्षिणी, मराफारी पुनर्वास, हैसाबातु पूर्वी, हैसाबातु पश्चिमी, बांसगोड़ा पूर्वी, बांसगोड़ा पश्चिमी, रीतुडीह, उकरीद व सतनपुर के हिस्सा बने बॉरी को-ऑपरेटिव को मिलेगा.

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