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सिटी सेंटर में रहकर भी है अनजान

बोकारो: सिटी सेंटर को बोकारो का हृदय स्थली माना जाता है. आर्थिक रूप से बोकारो का सबसे महंगा क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त सेंटर कई वजहों से प्रसिद्ध है. एक ही स्थान पर 1500 से अधिक स्थायी व लगभग इतना ही अस्थायी दुकानें सिटी सेंटर की भव्यता बयां करती हैं. प्लॉट में बटे सिटी सेंटर […]

बोकारो: सिटी सेंटर को बोकारो का हृदय स्थली माना जाता है. आर्थिक रूप से बोकारो का सबसे महंगा क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त सेंटर कई वजहों से प्रसिद्ध है. एक ही स्थान पर 1500 से अधिक स्थायी व लगभग इतना ही अस्थायी दुकानें सिटी सेंटर की भव्यता बयां करती हैं. प्लॉट में बटे सिटी सेंटर उपयोगिता के हिसाब से अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है. इसकी संरचना ऐसी कि जिसे जो काम है, वह सीधे उसी दुकान तक पहुंच सकता है. सेंटर का एक भाग इंडस्ट्रीज हब होने की अनुभूति देता है. के ब्लॉक से सर्कस मैदान तक का क्षेत्र इंडस्ट्रीज फ्रेंडली है.

के ब्लॉक से सर्कस मैदान क्षेत्र में 350 से अधिक दुकानें स्थापित हैं. इनमें दो पहिया वाहन, तीन पहिया वाहन व चार पहिया वाहन के शो रूम, दर्जनों मैकेनिकल, डेंटिंग व पेंटिंग सर्विस सेंटर, खाद्यान्न के थोक विक्रेता, मेस आदि इस क्षेत्र की पहचान है. सिटी सेंटर के कुल मनी ट्रांजेक्शन का ज्यादातर हिस्सा इसी क्षेत्र से जाता है. दुकानदारों की माने तो हर दिन 10 करोड़ रुपया से अधिक का ट्रांजेक्शन इस क्षेत्र से होता है.

गुमनाम सी स्थिति में रहता है यह क्षेत्र : भले ही के ब्लॉक से सर्कस मैदान का क्षेत्र सिटी सेंटर के कुल मनी ट्रांजेक्शन का ज्यादा हिस्सा देता है, बावजूद इसके यह क्षेत्र गुमनाम स्थिति में रहता है. दरअसल यहां का व्यावसायिक प्रतिष्ठान लोगों को सिर्फ काम के लिए ही आमंत्रित करता है. टाइम पास करने के उद्देश्य से यहां कोई टहल नहीं सकता. साथ ही दिखावा के लिए भी यहां कुछ खास नहीं है.

कोई ध्यान देने वाला नहीं…: दुकानदारों की माने तो यह सेक्टर सबसे ज्यादा पैसा देने वाला है, बावजूद इसके यहां सुविधाओं का अभाव है. स्ट्रीट लाइट की कमी व सड़क की बदहाली भी दुकानदारों को खलती है. रेगुलर साफ-सफाई नहीं होना भी दुकानदारों के लिए परेशानी का कारण बनता है.

पदाधिकारियों ने कहा

सिटी सेंटर बोकारो की आर्थिक पहचान है. इस पहचान को स्वच्छ व सुंदर बनाये रखने में एसोसिएशन लगातार प्रयासरत है. प्रबंधन से लगातार बातचीत चल रहा है. समस्या का समाधान होगा.

रंजन गुप्ता, महासचिव, दी सिटी सेंटर ट्रेडर्स एसो.

समस्या निदान के लिए चैंबर लगातार प्रयासरत है. बीएसएल सीइओ से लेकर प्रधानमंत्री तक पत्राचार किया गया है. इसका असर भी देखने को मिला है. अंडरग्राउंड केबलिंग पर भी बात हो रही है.

रविंद्र कुमार, अध्यक्ष- बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स

पूरे शहर की स्थिति गड़बड़ है. बेसिक सुविधा भी मुहैया नहीं हो पा रही है. प्लॉट नवीकरण मामला को लेकर एसोसिएशन हाइकोर्ट तक पहुंचा है. सुविधा की मांग को लेकर एसोसिएशन लगातार आंदोलनरत है.

राजेंद्र विश्वकर्मा, अध्यक्ष- बोकारो व्यावसायिक प्लॉट होल्डर्स वेलफेयर एसोसिएशन

सिटी सेंटर के इस क्षेत्र से सबसे ज्यादा रेवन्यू जेनरेट होता है. बावजूद इसके इस क्षेत्र में जरूरत के मुताबिक सुविधा नहीं मिलती.

दुर्गानंद झा

जायसवाल

सर्कस मैदान के आस-पास का क्षेत्र सिर्फ नाम का सिटी सेंटर का हिस्सा है. सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. स्थिति सुधरनी चाहिए.

बिनोद कुमार जायसवाल

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