चास: पुरुलिया रोड वंशीडीह स्थित गंगोत्री मार्केट कंपनी (जीएमसी) लोहा कटर फैक्ट्री बिना लाइसेंस के ही चल रही है. कंपनी ने जिला प्रशासन से लाइसेंस नहीं लिया है. यह जानकारी जिले के फैक्ट्री इंस्पेक्टर धीरेंद्र सिंह मुंडा ने बुधवार को मुआवजा वार्ता के दौरान दी. श्री मुंडा ने कहा कि चास में कितने इस तरह के कटर फैक्ट्री चल रही हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. कहा कि लाइसेंस नहीं होने के बावजूद फैक्ट्री चल रहा थी, यह संज्ञान में आने के बाद कार्रवाई की जायेगी. जबकि फैक्ट्री पिछले दस वर्ष से भी अधिक समय से संचालित है.
ज्ञात हो कि मंगलवार को जीएमसी फैक्ट्री की दीवार गिरने से एक बच्ची व एक महिला की मौत हो गयी थी. स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री से संबंधित कई आवेदन जिला प्रशासन, चास थाना व नगर निगम को दिया था. इसके बावजूद किसी विभाग के अधिकारियों ने जांच करने की जहमत नहीं उठायी. वार्ता के दौरान चास एसडीएम सतीश चंद्रा व एसडीपीओ महेश कुमार सिंह ने फैक्ट्री इंस्पेक्टर से कार्रवाई से संबंधित बात पूछी, तो श्री मुंडा ने बताया कि फैक्ट्री से संबंधित मुख्य नोडल पदाधिकारी डीसी होते हैं.
कोई भी कार्रवाई डीसी के आदेशानुसार किया जाता है. कंपनी का सलाना टर्न ओवर व आदि सवालों के संबंध में जवाब देने में असमर्थता जतायी, क्योंकि उनके पास फैक्ट्री का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इस संबंध में वार्ता में मौजूद अधिकारियों ने फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही. एसडीएम श्री चंद्रा ने कहा कि संबंधित विभाग के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की जायेगी. कमेटी चल रही अवैध फैक्ट्रियों का जांच करेगी. जांच रिपोर्ट आने के बाद गैर निबंधित फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
28 घंटे के बाद शवों का हुआ पोस्टमार्टम : जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक पोस्टमार्टम नहीं करने देंगे यह बातें मृतक के परिजनों ने कही. मुआवजा आदि को लेकर वार्ता के बाद परिजनों ने संतुष्ट होते हुये पोस्टमार्टम के लिये सहमत हुये. लगभग 28 घंटे के बाद दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने में पुलिस व जिला प्रशासन को सफलता मिली. शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया.
चार-चार लाख मुआवजा देने पर बनी सहमति
चास थाना परिसर में मुआवजा से संबंधित वार्ता के लिये विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं, एसडीएम चास, एसडीपीओ, चास बीडीओ कपिल कुमार, चास सीओ वंदना सेजवलकर, मेयर भोलू पासवान, दंडाधिकारी विजय राजेश बारला सहित चास थाना प्रभारी प्रमोद कुमार भी मौजूद रहें. फैक्ट्री के मालिक फणि सिंह दिल्ली में होने के कारण कंपनी की ओर से वार्ता के लिये राकेश कुमार प्रतिनिधि के रूप में मौजूद थे. दोनों मृतक परिजनों की मांग 10 लाख रुपये थी, जबकि नेताओं की मांग फैक्ट्री को बंद करने की थी. इस पर अधिकारियों ने कंपनी प्रतिनिधि श्री कुमार को मांग से संबंधित जानकारी दी. इस पर उन्होंने असमर्थता जताते हुये दोनों पीड़ित परिजनों को सबसे पहले छह लाख रुपये देने की बात कही. इस पर परिजनों ने मुआवजा लेने से इंकार कर दिया. काफी जद्दोजहद व बुधवार को लगातार पांच घंटे की मैराथन बैठक के बाद कंपनी की ओर से श्री कुमार ने आठ लाख रुपये (चार-चार लाख दोनों पीड़ित परिजनों को) देने की बात कही, लेकिन इसके बाद फिर से मामला फंस गया. दरअसल परिजनों ने दो लाख नकद व दो लाख रुपये चेक या बांड के रूप में लिखित पत्र देकर मांग रहे थे. नकद चार लाख रुपये धनबाद से लाने की बात कही. वहीं बकाया चार लाख रुपये 15 दिन का समय लेते हुये पीड़ित के नाम चेक दिया गया.
दो दिन सरकारी कार्यालयों में कामकाज रहा बाधित
मंगलवार को जीएमसी लोहा कटर फैक्ट्री की चारदीवारी गिर जाने के बाद से सरकारी विभाग के अधिकांश अधिकारी इसी मामले में जुटे रहे. वहीं बुधवार को भी मृतकों के आश्रित को मुआवजा दिलाने में प्रशासन को दिनभर का समय लग गया. इसके कारण प्रखंड कार्यालय, चास एसडीएम कार्यालय, चास एसडीपीओ कार्यालय, चास नगर निगम व चास थाना में दो दिनों तक किसी प्रकार का काम-काज नहीं हो सका. वार्ता के दौरान कई अधिकारियों को आपस में कहते सुना गया कि अर्थहीन समय की बर्बादी हो रही है.