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दिल का दौरा पड़ने से रितुपर्णो घोष का निधन

कोलकाता : जाने -माने फिल्म निर्माता रितुपर्णो घोष का दिल का दौरा पड़ने से आज यहां उनके दक्षिण कोलकाता निवास में निधन हो गया. वह 49 वर्ष के थे. घोष के पारिवारिक सूत्रों के बताया कि 12 राष्ट्रीय और कुछ अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम करने वाले घोष पैन्क्रियाटाइटिस से पीडि़त थे और आज सुबह साढे […]

कोलकाता : जाने -माने फिल्म निर्माता रितुपर्णो घोष का दिल का दौरा पड़ने से आज यहां उनके दक्षिण कोलकाता निवास में निधन हो गया.

वह 49 वर्ष के थे. घोष के पारिवारिक सूत्रों के बताया कि 12 राष्ट्रीय और कुछ अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम करने वाले घोष पैन्क्रियाटाइटिस से पीडि़त थे और आज सुबह साढे सात बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.घोष को 1994 में बाल फिल्म हिरेर अंगति के निर्देशन से प्रसिद्धि मिली थी. इसके बाद उनिशे अप्रैल के लिए उन्हें 1995 में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया.उन्होंने इसके अलावा दहन, असुख चोखेर बाली, रेनकोट, बेरीवाली, अंतरमहल और नौकादुबी जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया.घोष के निधन की खबर आते ही टॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई. अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने घोष के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा कि घोष नहीं रहे. इस समाचार को स्वीकार करना बड़ा मुश्किल है. हमने एक बेहतरीन फिल्म निर्देशक को बहुत कम उम्र में खो दिया. घोष को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके निवास पर अभिनेताओं और अभिनेत्रियों की भीड़ लगी हुई है. राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी भी सुबह उनके घर गए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रसिद्ध फिल्मकार रितुपर्णो घोष के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए आज कहा कि यह बंगाल के लिए दुखद दिन है. ममता सुबह घोष के निवास स्थल पर गयीं. उन्होंने कहा, हम सदमे में हैं. घोष के अचानक निधन से बंगाल ने एक बेहतरीन फिल्मकार खो दिया. यह हमारे लिए बहुत दुखद दिन है. उन्होंने बताया कि घोष को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पार्थिव शरीर को अपराह्न साढे तीन से छह बजे तक नंदन फिल्म परिसर में रखा जाएगा.

इसके बाद अंतिम संस्कार से पूर्व उनके शव को टॉलीगंज टेक्नीशियन स्टूडियो ले जाया जाएगा. शिक्षा मंत्री और रंगमंच के कलाकार ब्रत्य बसु ने कहा कि इस समाचार से वह अवाक रह गए और घोष का निधन उनके लिए व्यक्तिगत नुकसान है. उन्होंने कहा कि घोष ने उनका नया नाटक देखने की इच्छा जाहिर की थी. बसु ने कहा कि वह एक निर्देशक और अभिनेता के रुप में ही पथ प्रदर्शक नहीं थे अपितु समाज के लिए भी उनका अहम योगदान है.

उन्होंने कहा कि उनकी हीरेर अंगति और उनिशे अप्रैल जैसे फिल्मों ने बंगाली फिल्मों में नई विधा की रचना की. अभिनेता के रुप में उन्होंने चित्रांगदा में ट्रांसजेंडर की अलग तरह की भूमिका निभाकर ऐसे लोगों की दुर्दशा को दिखाया जिन्हें समाज में नजरअंदाज कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि घोष ने समान लिंग के बीच संबंधों को बंगाली समाज में पहली बार दिखाया और उसे बेहद मर्यादित ढंग से पेश किया.

रितुपर्णो के निधन पर फिल्म जगत में शोक

कोलकाता: बॉलीवुड और बांग्ला फिल्म जगत ने अद्वितीय प्रतिभा के धनी और महान फिल्मकार रितुपर्णो घोष के निधन पर आज गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें बांग्ला सिनेमा के पथ प्रदर्शक के रुप में याद किया.

अपनी हर फिल्म में सिनेमाई सुंदरता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले घोष का अचानक निधन हो जाने पर अभिनेताओं और निर्देशकों ने ट्विटर के जरिए गहरा दुख प्रकट किया. बांग्ला फिल्मों के जाने माने अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने कहा कि उनके लिए यह समाचार एक सदमे की तरह है.

अभिनेता ने कहा, ‘‘वह एक महान प्रतिभाशाली निर्देशक थे और उनके निधन से पैदा हुई रिक्तता को भरना आसान नहीं है.’’ घोष की फिल्म ‘रेनकोट’ में अभिनय करने वाले अभिनेता अजय देवगन ने कहा कि उनकी फिल्में समाज के अनूठे विषयों को दर्शाती थीं.

अजय ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘रितुपर्णो घोष के निधन का समाचार सुनकर मैं स्तब्ध और दुखी हूं. उनके साथ ‘रेनकोट’ में काम करना बेहतरीन अनुभव था. उनका चीजों को देखने का तरीका बहुत अलग और अनोखा था’’ प्यार से ‘रितुदा’ के नाम से संबोधित किए जाने वाले घोष ने बांग्ला फिल्म जगत को नयी दिशा दी. उन्होंने अपनी फिल्मों में महिलाओं, उनकी भावनाओं, जुनून और कष्टों को उम्दा तरीके से दिखाया.

ओनिर ने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘‘बेहद दुख की बात है कि जिस व्यक्ति का प्रत्येक फ्रेम सिनेमाई सुंदरता की बात करता था और जिसने बांग्ला सिनेमा को नई दिशा दी, वह अब हमारे बीच नहीं रहा. हम जब आखिरी बार मिले थे तो हमने साथ काम करने की बात की थी. वह चाहते थे कि मैं उनकी कहानी का निर्देशन करुं. इस फिल्म में वह माधुरी और नाना पाटेकर से अभिनय कराना चाहते थे.’’

घोष के साथ ‘शोब चोरित्रो काल्पोनिक’ में काम करने वाली अभिनेत्री बिपाशा बसु ने ट्वीट किया, ‘‘कोयंबटूर पहुंचते ही यह दुखद समाचार मिला. रितु दा नहीं रहे. मैं इस पर भरोसा नहीं करना चाहती. उनके साथ मैंने यादगार समय बिताया है.’’ अनुपम खेर ने पोस्ट किया, ‘‘मैं रितुपर्णो घोष के अचानक निधन से बहुत दुखी और सदमे में हूं. उन्होंने ‘बाड़ीवाली’ का निर्देशन किया था जो निर्माता के तौर पर मेरी पहली फिल्म है. उनके साथ बेहतरीन यादें जुड़ी हुईं हैं.’’ घोष के साथ ‘द लास्ट लियर’ में काम करने वाली दिव्या दत्ता ने पोस्ट किया, ‘‘ रितु दा के बारे में सुनकर सदमे में हूं. मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा. ‘द लास्ट लियर’ में उनके साथ काम करने के दौरान मेरी सबसे प्यारी यादें जुड़ी हैं.’’ फिल्मकार शेखर कपूर ने पोस्ट किया, ‘‘रितुपर्णो घोष के निधन की खबर से सदमे में हूं. वह बहुत कलात्मक फिल्मकार थे.’’

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