श्री पांडेय ने कहा कि विशेषज्ञों के इस प्रस्ताव को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्वीकार कर अवसर प्रदान किया जाये. अगर विशेषज्ञों का प्रस्ताव सफल होता है तो कम लागत और कम समय में डीसी लाइन को पुनः चालू किया जा सकता है.
सांसद के इस सुझाव से प्रभावित कोयला सचिव ने दो अगस्त को प्रस्ताव देने वाले विशेषज्ञों की टीम से मिलने का अाश्वासन दिया. कहा कि अगर उनका प्रस्ताव जनहित में लाभदायक व सार्थक होगा तो इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्वीकृति दी जायेगी. बताते चले कि डीजीएमएस धनबाद के विशेषज्ञों की यह टीम फिलहाल डब्ल्यूसीएल में भूमिगत आग बुझाने के लिए काम कर रही है.