बोकारो: नगर के सेक्टर पांच स्थित पुस्तकालय मैदान के पीछे जंगल में शनिवार की सुबह एक युवक का शव सड़ी अवस्था में मिला. मृतक की पहचान सेक्टर पांच डी, धोबी मुहल्ला, झोपड़ी निवासी विकलांग युवक संदीप रजक (35 वर्ष) के रूप में की गयी है. संदीप सेवानिवृत्त इस्पात कर्मी बंधु रजक का इकलौता पुत्र था. वह अपने घर से गत 27 मार्च से गायब था.
शव मिलने के बाद संदीप के परिजनों ने उसकी हत्या की बात कही है. संदीप की पत्नी रिंकी देवी, ससुर रघुनंदन रजक, साला राजदेव रजक व कारू रजक पर हत्या का आरोप लगाया गया है. पुलिस पत्नी रिंकी देवी व ससुर रघुनंदन रजक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. संदीप की मौत के बाद उसके माता-पिता व बहन का रो-रो कर बुरा हाल है. पुलिस ने शव को बरामद पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है.
विधवा के साथ हुआ था संदीप का विवाह
रिंकी देवी की संदीप के साथ दूसरी शादी थी. वह विधवा थी. रिंकी की पहली शादी वर्ष 2002 में बिहार के जिला रोहतास, सासाराम निवासी संजय रजक से हुई थी. शादी के कुछ वर्ष बाद ही सासाराम रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से पहले पति की मौत हो गयी थी. मृतक के परिजनों ने बताया : 29 जून 2006 को रिंकी व संदीप की शादी हुई थी. 2008 में एक पुत्री भी हुई. शादी के समय संदीप के पिता नौकरी में थे. उन्हें बीएसएल की ओर से सेक्टर दो बी कृष्णा मोड़ में आवास आवंटित किया गया था. वर्ष 2008 में सेवानिवृत्त होने के बाद पूरा परिवार सेक्टर पांच डी, स्थित धोबी मुहल्ला आ गया.
वर्ष 2009 से पत्नी से चल रहा था विवाद
संदीप के परिजनों ने बताया : वर्ष 2009 से रिंकी देवी सेक्टर एक बी, धोबी मुहल्ला स्थित अपने मायके चली गयी. संदीप के माता-पिता जब अपनी पुत्र वधु को लाने जाते तो मायके वाले मारपीट कर उन्हें भगा देते थे. रिंकी की विदाई का ससुराल वालों ने काफी प्रयास किया, लेकिन वह मायके में ही रहने की जिद पर अड़ी रही. इस कारण संदीप ने स्थानीय कोर्ट में तलाक की अरजी फाइल कर दी. संदीप के परिजनों का आरोप है कि रिंकी प्रताड़ना के मामले में जेल भेजवाने की धमकी देकर सात लाख रुपये की मांग कर रही थी. तलाक की अरजी पर भी वह हस्ताक्षर नहीं कर रही थी.
कोर्ट जाने के दौरान हो गया था गायब
इसी मामले में 27 मार्च को कोर्ट में डेट था. संदीप 27 मार्च की सुबह कोर्ट जाने के लिए पैदल निकला था. संदीप को कुछ लोगों ने सेक्टर पांच पुस्तकालय के पास पत्थरकटटा चौक पर भी देखा था. इसके बाद वह घर नहीं लौटा. उसी दिन शाम के समय संदीप के परिजन उसे खोज रहे थे. पुस्तकालय मैदान के पास सड़क पर उसकी चप्पल, लाठी, टोपी आदि सामान मिला था. सामान बरामद होने के बाद परिजनों ने संदीप की गुमशुदगी का सनहा उसी दिन सेक्टर छह ओपी में दर्ज कराया था. 29 मार्च की सुबह संदीप का शव मिलने से उसकी हत्या की पुष्टि हो गयी. शव काफी सड़ चुका है.