रांची: राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगभग 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दो माह पहले ही आवेदन जमा किया गया लेकिन अब तक किसी जिले में नियुक्ति के लिए मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गयी.
अब चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह संभव हो सकेगा. इसके लिए 15 नवंबर 2013 को विज्ञप्ति जारी की गयी थी. सभी जिलों ने अपने स्तर से नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया था. 31 दिसंबर तक आवेदन जमा करना था. आवेदनों की स्क्रूटनी कर मेरिट लिस्ट जारी करना था. पांच मार्च को चुनाव आचार संहिता लागू होने से अब मई तक शिक्षक नियुक्ति होने की संभावना नहीं है.
इसी तरह झारखंड सरकार गत चार वर्षो से एक ही शिक्षक पात्रता परीक्षा में उलझी हुई है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है. झारखंड में वर्ष 2011 में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई. शुरू में तो बिना टेट के ही शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी. बाद में शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में शिक्षक नियुक्ति की प्रारम्भिक परीक्षा (पीटी) को ही शिक्षक पात्रता परीक्षा घोषित कर दिया. परीक्षा प्रक्रिया के बीच में बदलाव के कारण बाद में झारखंड हाइकोर्ट ने पूरी परीक्षा को रिजेक्ट कर दिया. इसके बाद वर्ष 2012 में शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया. 26 अप्रैल 2013 को परीक्षा हुई और 28 मई 2013 को रिजल्ट जारी हुआ.
फिर रिजल्ट जारी करने का आदेश
शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के नौ माह बाद फिर से संशोधित रिजल्ट जारी करने की तैयारी हो रही है. शिक्षा मंत्री ने अलग-अलग कारणों से परीक्षा में रिजेक्ट किये गये विद्यार्थियों का फिर से रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है.
नियुक्ति की आस में गुजर गयी उम्र
शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकती. झारखंड में लगभग 1.50 लाख शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त हैं. राज्य गठन के बाद से प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 11 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. नियुक्ति की आस में शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की पात्रता की उम्र बीत रही है. टेट पास होने के बाद अधिक उम्र के कारण लगभग पांच हजार अभ्यर्थी नियुक्ति के अयोग्य हो गये हैं.
पांच वर्ष तक ही मान्यता
शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की मान्यता पांच वर्ष तक ही है. पांच वर्ष में अगर नियुक्ति नहीं हुई, तो प्रमाण पत्र की मान्यता समाप्त हो जायेगी.
दूसरे राज्यों में तीन परीक्षा
झारखंड में भले ही अब तक टेट की एक परीक्षा हुई हो, पर केंद्र समेत देश के अधिकांश राज्यों में टेट शुरू होने के बाद प्रति वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा हो रही है. उत्तर प्रदेश में तीन शिक्षक पात्रता परीक्षा हो चुकी है. केंद्र सरकार भी तीन शिक्षक पात्रता परीक्षा ले चुकी है. बिहार में दूसरी परीक्षा की तैयारी चल रही है.