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विक्रम शर्मा गया जेल, पुलिस रिमांड पर लेने से चूकी

रांची/जमशेदपुर: जिला पुलिस ने बुधवार दोपहर पौने एक बजे देहरादून से गिरफ्तार व ट्रांजिट रिमांड पर लाये गये अखिलेश सिंह के अपराधी गुरु विक्रम शर्मा को कोर्ट में पेश किया. उसे काशीडीह में रवि चौरसिया के घर पर फायरिंग के मामले में जिला जज रमेश चंद्रा की अदालत में पेश किया गया. साकची पुलिस ने […]

रांची/जमशेदपुर: जिला पुलिस ने बुधवार दोपहर पौने एक बजे देहरादून से गिरफ्तार व ट्रांजिट रिमांड पर लाये गये अखिलेश सिंह के अपराधी गुरु विक्रम शर्मा को कोर्ट में पेश किया. उसे काशीडीह में रवि चौरसिया के घर पर फायरिंग के मामले में जिला जज रमेश चंद्रा की अदालत में पेश किया गया. साकची पुलिस ने विक्रम शर्मा को सात दिन के पुलिस रिमांड पर देने का आवेदन कोर्ट में दाखिल किया था.

इसके जवाब में विक्रम शर्मा के अधिवक्ता विद्या सिंह ने चार्जशीट के केस में रिमांड नहीं देने का हवाला देते हुए अदालत से पुलिस की अरजी खारिज करने का अनुरोध किया. अदालत ने कानूनी बिंदुओं को ध्यान में रख कर पुलिस की अरजी खारिज कर दी. इसके बाद न्यायिक हिरासत में विक्रम शर्मा को जेल भेज दिया गया. मामले की अगली तारीख 26 अप्रैल निर्धारित की गयी है. अधिवक्ता विद्या सिंह ने बताया कि विक्रम की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी की अर्जी कोर्ट में दी जायेगी.

साकची थाना में फायरिंग करने का मामला दर्ज : रवि चौरसिया के बयान पर साकची थाना में 15 मार्च 2008 को फायरिंग करने के लिए अखिलेश सिंह, विक्रम शर्मा, बंटी जायसवाल समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पुलिस जांच में रवि चौरसिया पर फायरिंग में सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, अखिलेश सिंह, विक्रम शर्मा, उमेश सिंह और मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू का नाम आया था. अखिलेश सिंह के मामले में डिस्चार्ज की अरजी मंजूर कर ली गयी है, जबकि एक आरोपी उमेश सिंह मर चुका है.
विक्रम पर दर्ज सभी मामले में चार्जशीट : विक्रम शर्मा के अधिवक्ता विद्या सिंह ने बताया कि विक्रम शर्मा के खिलाफ बिष्टुपुर थाना में जयराम सिंह की हत्या, साकची में श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या, वर्ष 2004 में कोर्ट में अखिलेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद नारेबाजी करने का मामला सीतारामडेरा थाना में दर्ज है. इसके अलावा विक्रम साकची हाजत से अखिलेश को भागने में मदद करने, रवि चौरसिया के घर पर फायरिंग करने और बर्मामाइंस में परमजीत सिंह के भाई सत्येंद्र सिंह की ससुराल में फायरिंग करने के मामले में भी आरोपी है. बिष्टुपुर में अशोक शर्मा हत्याकांड में विक्रम शर्मा बरी हो चुका है.
कड़ी सुरक्षा में ले जाया गया था विक्रम को : बिष्टुपुर थाना से विक्रम शर्मा को कड़ी सुरक्षा से कोर्ट ले जाया गया. बुधवार की दोपहर सवा बारह बजे के लगभग पुलिस विक्रम को एमजीएम अस्पताल ले गयी. वहां मेडिकल चेकअप कराने के बाद उसे कोर्ट ले जाया गया.
अखिलेश छोड़ना चाहता था अपराध
अदालत से जेल जाने से पूर्व विक्रम शर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में पे रोल पर अखिलेश दो बार बाहर निकला और फिर जमानत लेकर शहर से बाहर चला गया. इस दौरान वह क्षत्रिय महासभा का अध्यक्ष बना. अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने मोबाइल से संपर्क कर राजनीति में आने की इच्छा जतायी थी. वह कहता था कि अपराध की दुनिया को छोड़ देगा. इसके बाद अक्तूबर में अखिलेश देहरादून स्थित उसके घर पर आया. उसने बताया था कि एक बड़ा राजनीतिज्ञ उसकी मदद कर रहा है, जिनसे प्रभावित होकर वह अपराध की दुनिया छोड़ देगा.
3.50 करोड़ लोन लेकर शुरू किया क्रशर : विक्रम शर्मा ने बताया कि वर्ष 2008 में उसने शहर छोड़ दिया था. शहर छोड़ने के बाद वह काशीपुर अपने गांव गया. काशीपुर में पुस्तैनी जमीन के दस्तावेज को वर्ष 2013 में आइसीआइसीआइ बैंक में गिरवी रखकर 3.50 करोड़ रुपये लोन लिया. इस राशि में से 1.50 करोड़ की लागत से काशीपुर में क्रशर खोला. शेष दो करोड़ रुपये कारोबार में रोलिंग के लिए रखे. विक्रम ने कहा कि अब पत्नी प्लांट की देखभाल करेगी. उसने अन्य धंधों में भी रुपये लगाने की बात बतायी. पुलिस ने विक्रम शर्मा के कारोबार से संबंधित कई दस्तावेज जब्त की है, जिसकी जांच हो रही है. विक्रम ने बताया कि जमशेदपुर से फरारी के बाद पहली बार अखिलेश सिंह उससे मिलने काशीपुर स्थित साइट (क्रशर प्लांट) पर आया था. उसके बाद उसका आना-जाना लगा रहता था. फिर वर्ष 2004 में वह पकड़ा गया.

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