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शहीदों के पार्थिव शरीर आये, राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि

रांची: जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में हिमस्खलन में शहीद हवलदार प्रभु सहाय तिर्की व सिपाही कुलदीप लकड़ा का पार्थिव शरीर सोमवार को सेना के विशेष विमान से रांची लाया गया. विमान 11.50 बजे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर लैंड किया. पार्थिव शरीर को लेने के लिए दोनों शहीद जवान के परिजन, आर्मी के आला अधिकारी, जिला […]

रांची: जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में हिमस्खलन में शहीद हवलदार प्रभु सहाय तिर्की व सिपाही कुलदीप लकड़ा का पार्थिव शरीर सोमवार को सेना के विशेष विमान से रांची लाया गया. विमान 11.50 बजे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर लैंड किया.

पार्थिव शरीर को लेने के लिए दोनों शहीद जवान के परिजन, आर्मी के आला अधिकारी, जिला प्रशासन से गिरिजा शंकर प्रसाद उपस्थित थे. पार्थिव शरीर को दोपहर 12.15 बजे एयरपोर्ट से सेना के वाहन से बाहर लाया गया. पार्थिव शरीर को पुराने टर्मिनल बिल्डिंग के शहीद स्थल पर रखा गया. दोपहर 12.50 बजे कैबिनेट सचिव एसएस मीणा, दोपहर 1.00 बजे एसएसपी कुलदीप द्विवेदी व दोपहर 1.30 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुरमू एयरपोर्ट पहुंची व जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किया. वहीं, सेना के जवानों ने मातमी धुन के साथ शहीद जवानों को अंतिम विदाई दी. सेना के अधिकारी अनमोल सूद, पूर्व विधायक बंधु तिर्की, जिला प्रशासन से तपन चक्रवर्ती ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. एयरपोर्ट पर कुछ युवक राष्ट्रीय झंडा लेकर भी आये थे. एयरपोर्ट से सेना के सुसज्जित वाहन से शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ले जाया गया.
जवानों की शहादत अपूरणीय क्षति : राज्यपाल
राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि हवलदार प्रभु सहाय तिर्की, सिपाही कुलदीप लकड़ा व लांस नायक बिहारी मरांडी की शहादत पर सभी को गर्व है. शहादत देश व राज्य के लिए दुखद है. जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए जान दी है. यह अपूरणीय क्षति है. भगवान जवानों के परिजनों को इस दुख की घड़ी में शक्ति दे. राज्य सरकार जवानों के परिजनों के साथ है. परिजनों द्वारा मुआवजा के नाम पर शहीद के अपमान की बात कहे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जानकारी लेंगी कि सरकार ने शहीद के आश्रितों के लिए क्या किया है.
सरकार शहीदों को सम्मान दे : जे तिर्की
शहीद हवलदार प्रभु सहाय तिर्की के भाई जे तिर्की ने कहा कि सरकार द्वारा मुआवजा के रूप में दी गयी राशि पर्याप्त नहीं है. सरकार शहीदों को सम्मान दे. सरकार शहीद के बच्चों को शिक्षा और उनकी पत्नी को योग्यता के अनुसार नौकरी भी दे. वहीं, शहीद सिपाही कुलदीप लकड़ा के पिता जेवियर लकड़ा ने कहा कि कुलदीप की शादी होनेवाली थी. लापुंग में रिश्ता भी तय हो गया था. सरकार ने मुआवजा के रूप में उचित राशि नहीं दी है. उनका इकलौता बेटा शहीद हुआ है. तीन बेटियां हैं. अब इस बुढ़ापे में कौन सहारा बनेगा
शहीद कुलदीप लकड़ा के परिजनों ने नहीं ली सहायता राशि
मांडर. शहीद कुलदीप लकड़ा के अंतिम संस्कार के बाद प्रशासन की ओर से उनके परिजनों को तीन लाख रुपये का चेक देने का प्रयास किया गया. परिजनों ने इसे लेने से इनकार कर दिया. विधायक गंगोत्री कुजूर की मौजूदगी में स्थानीय प्रशासन के लोगों के काफी मान-मनौवल के बाद भी परिजन चेक लेने को राजी नहीं हुए. परिजनों का कहना था कि उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रशासन के माध्यम से ही ज्ञापन देकर 20 लाख रुपये सहायता राशि देने की मांग की थी. इसके बाद भी उन्हें पहले दो लाख व अब तीन लाख रुपये का चेक देकर बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड सरकार इससे बड़ी राशि, तो नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटाने के नाम पर देती है. यहां तो देश की सेवा में लगे एक सैनिक की शहादत की बात है. इसलिए उन्हें जब तक सरकार की ओर से सम्मानजनक सहायता राशि नहीं दी जायेगी, वे चेक नहीं लेंगे. बाद में चेक दिये बगैर ही प्रशासन के लोग बैरंग वापस लौट गये.

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