इंदर सिंह नामधारी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को लिखा पत्र
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इच्छिता सिंह मौत मामला : पुलिस ने की जांच, सीसीटीवी फुटेज खंगाला मनीष को टॉर्चर करने के नहीं मिले ठोस साक्ष्य
रांची : मनीष अग्रवाल को लालपुर थाना में थर्ड डिग्री टॉर्चर किये जाने की सूचना पर गुरुवार को मामले की जांच सिटी डीएसपी शंभू सिंह ने की. वह लालपुर थाना पहुंचे. उन्होंने लालपुर थाना प्रभारी रमोद कुमार से मामले की जानकारी ली. जांच के दौरान थाना प्रभारी ने बताया कि मनीष को थर्ड डिग्री टॉर्चर […]
रांची : मनीष अग्रवाल को लालपुर थाना में थर्ड डिग्री टॉर्चर किये जाने की सूचना पर गुरुवार को मामले की जांच सिटी डीएसपी शंभू सिंह ने की. वह लालपुर थाना पहुंचे. उन्होंने लालपुर थाना प्रभारी रमोद कुमार से मामले की जानकारी ली. जांच के दौरान थाना प्रभारी ने बताया कि मनीष को थर्ड डिग्री टॉर्चर नहीं किया गया है.
लालपुर थाना के विभिन्न स्थानों में लगे सीसीटीवी के फुटेज देखे गये. सीसीटीवी से भी स्पष्ट है कि मनीष देर रात अपने परिजनों के साथ लालपुर थाना से बाहर निकल रहा है.
इसके पहले का भी फुटेज देखा गया, जिसमें पाया गया कि मनीष अग्रवाल को लालपुर थाना लेने उसके परिजन आये थे. इसके पूर्व की रिकॉर्डिंग में भी मनीष अग्रवाल को थर्ड डिग्री टॉर्चर करने का फुटेज नहीं पाया गया. बाकी रिकॉर्डिंग बाद में देखी जायेगी. मनीष अग्रवाल के परिजनों से संपर्क कर पुलिस ने मनीष को मेडिकल जांच के लिए बुलाया, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उसके शरीर पर जख्म के निशान हैं या नहीं. हालांकि परिजनों ने पुलिस के सामने उसे उपस्थित करने से इनकार कर दिया. परिजनों ने कहा कि मनीष पूछताछ की वजह से थोड़ा घबड़ाया हुआ है. इसलिए उसे एक रिश्तेदार के पास गोला भेज दिया है. बाद में मनीष की बहन प्रियंका अग्रवाल सहित अन्य लोग सिटी डीएसपी के कार्यालय पहुंचे. वहां पूछताछ करने पर परिजनों ने सिटी डीएसपी से कहा : मनीष ने किसी घबराहट की वजह से पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था. उसके शरीर पर जख्म के निशान नहीं हैं.
इसलिए अब मनीष की मेडिकल जांच नहीं करायी जाये. फिर भी परिजनों से पुलिस ने मनीष को साथ लेकर लाने का अनुरोध किया, ताकि मेडिकल जांच से यह स्पष्ट हो सके कि मनीष को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया अथवा नहीं. पुलिस ने परिवार के सदस्यों से यह भी पूछा कि जब मनीष को रांची से बाहर नहीं जाने का अनुरोध किया गया था, तब उसे बिना पुलिस की अनुमति से बाहर कैसे जाने दिया गया. इस पर परिजन पुलिस से कहने लगे छोड़ दीजिए, मनीष अभी बच्चा है. उसने न इच्छिता की हत्या की है और न ही उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है. मनीष निर्दोष है. उससे बोलने में कोई गलती हो गयी होगी.
मेरा भाई थर्ड डिग्री टॉर्चर के बारे में जानता तक नहीं : प्रियंका अग्रवाल
लालपुर थाने में मनीष को थर्ड डिग्री टॉर्चर किये जाने के संबंध में उसकी बहन प्रियंका अग्रवाल से जानकारी ली गयी. प्रियंका ने बताया कि थर्ड डिग्री टॉर्चर या टू डिग्री टॉर्चर क्या होता है, इसके बारे में मनीष जानता तक नहीं है. वह पहली बार किसी मामले में थाना गया था.
एक आइपीएस अधिकारी मनीष को एक थप्पड़ मार कर भी उसे सच्चाई जान सकते हैं, लेकिन उसके साथ ऐसा नहीं कर उसे लंबे समय तक हिरासत में रख कर पूछताछ की गयी. इस वजह से मनीष घबराया हुआ जरूर है, लेकिन उसे थर्ड डिग्री टाॅर्चर नहीं किया गया है. उसके शरीर पर कोई गहरे जख्म या चोट के निशान नहीं हैं. पुलिस ने उसे निर्दोष पाया, इसलिए पूछताछ के बाद छोड़ दिया.
छात्रा के पिता के साथ दुर्व्यवहार पर जतायी नाराजगी
रांची : मेडिकल की तैयारी कर रही छात्रा इच्छिता सिंह की मौत को झाविमो ने संदेहास्पद बताया है़. पार्टी ने मौत की न्यायिक जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है़ झाविमो कार्यकर्ता गुरुवार को सड़क पर उतरे और मुख्यमंत्री का पुतला फूंका़ झाविमो नेताओें ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इच्छिता के परिजन के साथ दुर्व्यवहार किया है़ मुख्यमंत्री को माफी मांगना चाहिए़ पार्टी के केंद्रीय सचिव राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि रघुवर सरकार तानाशाह हो गयी है़ लड़की के पिता के साथ दुर्व्यवहार संवेदनहीनता का परिचायक है़
महिला मोरचा की शोभा यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया़ लोकतंत्र में एक पीड़ित परिवार के साथ इस तरह का व्यवहार अशोभनीय है़ उत्तम यादव ने कहा कि सरकार का असली चेहरा सबके सामने आया है़ पुतला दहन कार्यक्रम में जीतेंद्र वर्मा, राम मनोज साहू, दिलीप गुप्ता, अभिजीत दत्ता, रेयाज खान, संजीत यादव, मुन्ना बड़ाइक, नदीम इकबाल, कन्हैया महतो सहित कई लोग शामिल हुए़.
परिजनों से कर सकते हैं पूछताछ
रांची : नगड़ा टोली स्थित कथित गोल इंस्टीट्यूट की छात्रा इच्छिता की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अधिकारी उसके परिजनों से भी पूछताछ कर सकते हैं. इसके लिए पुलिस परिजनों को नोटिस भेज कर बुलायेगी. यह निर्णय गुरुवार को पुलिस अधिकारियों ने लिया है. पुलिस अधिकारी के अनुसार घटना के दिन व घटना से पहले इच्छिता की बातचीत अपने पिता और मां के साथ मोबाइल पर हुई थी. वह घटना के दिन ही घर से हॉस्टल पहुंची थी.
हॉस्टल की छात्राओं ने पुलिस को बताया है कि इच्छिता घर से आने के बाद ही किसी बात को लेकर परेशान थी. यह संभव है कि इच्छिता के परिजन यह जानते हों कि वह किस बात को लेकर परेशान थी. इसलिए पुलिस उसके परिजनों से पूछताछ करेगी. पुलिस अधिकारी इच्छिता की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए कुछ मोबाइल नंबर की भी जांच कर रहे हैं. घटना में संबंधित मोबाइल नंबर धारक की संलिप्तता मिलने पर पुलिस अधिकारी उनसे भी पूछताछ करेंगे, ताकि इच्छिता की मौत की वजह के बारे में जानकारी मिल सके.
इंदर सिंह नामधारी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को लिखा पत्र
रांची : डालटनगंज निवासी संजय सिंह की पुत्री इच्छिता सिंह की संदेहास्पद मौत के मामले में पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखा है़ श्री सिंह ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया है़
पत्र में उन्होंने लिखा है कि तथाकथित लव-जेहाद प्रकरण में फंसे रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली मामले की जब सीबीआइ जांच की अनुशंसा की जा सकती है, तो इच्छिता सिंह के मामले में भी सीबीआइ जांच करवाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए़ श्री सिंह ने पत्र में लिखा है कि संजय सिंह को मैं बचपन से जानता हू़
वह विवेकी और संस्कारित युवक है़ होनहार बेटी की मौत ने उसे तोड़ कर रख दिया है़ इच्छिता के माता-पिता सीबीआइ जांच की गुहार लेकर आपके पास गये थे, जहां माहौल कुछ अप्रिय बन गया़ आवेश में उसने थोड़ी गुस्ताखी कर भी दी, तो वह क्षम्य है़ बड़े लोग दुखी व्यक्ति के गुण-दोष नहीं देखते हैं. इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा करें, इससे केवल संजय सिंह के परिवार को ही नहीं, बल्कि पलामू की जनता को सुकून मिलेगा़
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