जानकारी के मुताबिक 28 अगस्त 2016 को वाणिज्य कर विभाग ने सरकार को पत्र लिख कर कहा था कि ट्रांसपोर्टरों के द्वारा फर्जी तरीके से कागजात बनाकर चेकपोस्ट से ट्रकों को पार कराया जाता है. इस पत्र के आधार पर मुख्य सचिव ने करीब चार माह पहले सीआइडी को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन कार्रवाई या जांच नहीं शुरू की गयी. इस बीच दिसंबर माह में वाणिज्य कर आयुक्त केके खंडेलवाल ने एक बैठक की. जिसके बाद हजारीबाग डीसीबी (डिस्टिक क्राइम ब्यूरो) को कार्रवाई का निर्देश दिया गया. तब डीसीबी के डीएसपी रवींद्र कुमार राय ने सात-आठ फरवरी की रात चोरदाहा चेकपोस्ट पर छापेमारी की.
छापेमारी के बाद 22 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. अभियुक्त बनाये गये गुड्डू खान मुखिया, सतीश सिंह यादव समेत कुछ अन्य का कभी इस धंधे से कोई रिश्ता नहीं रहा है. वहीं कुछ ऐसे लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया है, जो पहले तो इस धंधे से जुड़े थे, लेकिन काफी समय से इस धंधे से दूर हैं. सूत्रों के मुताबिक सीआइडी को यह कार्रवाई स्वतंत्र रूप से करना था, लेकिन सीआइडी ने जिला पुलिस की मदद से यह कार्रवाई की. इस कारण प्राथमिकी में निर्दोष लोगों के नाम भी शामिल कर दिये गये.