रांची: झारखंड से उत्पादित सामग्री की विदेशों में बहुत मांग है. यहां से निर्यात की अपार संभावनाएं हैं. भारत सरकार की संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के सर्वे के अनुसार देश के कुल निर्यात में झारखंड की हिस्सेदारी 10 फीसदी है. इसे 2020 तक 20 फीसदी होने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
फियो द्वारा सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गयी है. इसमें झारखंड में उत्पादित सब्जियां, फल, मसाले, सिल्क उत्पाद से लेकर भारी वाहन तक के निर्यात की संभावनाएं बतायी गयी हैं. सर्वे में वैश्विक मांग के अनुरूप झारखंड में निर्यात संभावनाओं का जिक्र है. हालांकि झारखंड से वर्तमान में कितना निर्यात होता है, संबंधित प्रामाणिक डाटा उपलब्ध नहीं है. वर्ष 2005-06 में झारखंड से 17 मिलियन डॉलर का निर्यात होता था.
राज्य में निर्यात की क्षमता
रिपोर्ट के अनुसार कोकिंग कोल, यूरेनियम और पायराइट उत्पादित करने वाला यह देश का अकेला राज्य है. यहां सोना, चांदी, बेस मेटल्स और कीमती पत्थरों का भंडार है. पूरे देश के लौह अयस्क का 28 फीसदी, कोयला का 32 फीसदी, कॉपर का 25 फीसदी और खनिज रिजर्व का 40 फीसदी यहा मौजूद है. साथ ही 563 मिलियन टन लाइम स्टोन का रिजर्व है.
निर्यात की संभावना वाले क्षेत्र
खनिज संसाधन : यहां से यूरेनियम, माइका, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, गोल्ड, सिल्वर, ग्रेफाइट, मैगAेटाइट, डोलोमाइट, फायर क्ले, क्वाट्जर्, कोयला, लोहा और कॉपर निर्यात किये जा सकते हैं.
झारखंड से निर्यात की संभावना वाली वस्तुएं : चावल, फूल, मसाले, फल, सब्जियां, काजू, सिल्क वस्त्र, बंबू उत्पाद, लाह के उत्पाद, इंजीनियरिंग व ऑटो कंपोनेंट, खनिज पदार्थ, लौह उत्पाद, माइका, लाइम स्टोन, ग्रेफाइट, स्टील उत्पाद.