रांची : विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 50378 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. योजना मद में 26754.97 करोड़ व गैर योजना मद में 23632.73 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसमें राज्य योजना की राशि 18270 करोड़ रुपये है. शेष राशि केंद्रीय अनुदान से मिलने का अनुमान है. कुल 4913.70 करोड़ के राजकोषीय घाटे के साथ अगले वर्ष राज्य में विकास दर 14.81 प्रतिशत होने का अनुमान किया है. बजट से पहले उन्होंने सदन में वित्तीय वर्ष 2013-2014 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की.
* गंभीर बीमारी में 2.5 लाख
वित्त मंत्री ने गंभीर बीमारी में गरीबों को इलाज के लिए दी जानेवाली राशि 1.5 लाख से बढ़ा कर 2.5 लाख रुपये करने की घोषणा की. हर पंचायत में एक-एक विवाह मंडप बनाने व जननी सुरक्षा योजना में लाभुकों को दी जानेवाली राशि में राज्यांश दोगुना करने की घोषणा की. संस्थागत प्रसव में सहिया को अब ढाई सौ रुपये मिलेंगे. स्कूली बच्चों व सहिया को साइकिल के बदले नकद भुगतान किया जायेगा. मिड डे मिल के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में तीन दिन अंडा व फल मिलेंगे.
6890 करोड़ रुपये कर्ज लेगी
वित्त मंत्री ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 43443.75 करोड़ के राजस्व का अनुमान किया है. इसमें केंद्रीय करों में राज्य को हिस्सेदारी के रूप में 10878.61 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. राज्य को अपने करों से 11812.68 करोड़ रुपये मिलने व केंद्रीय अनुदान के रूप में 15785.47 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. राज्य सरकार जरूरी खर्च पूरा करने के लिए 6890 करोड़ रुपये कर्ज लेगी. इस तरह राज्य सरकार 50387.70 करोड़ रुपये के प्रस्तावित खर्च के मुकाबले राजस्व की व्यवस्था करेगी. अगले वित्तीय वर्ष सरकार पहले लिये गये कर्ज के लिए 2797.12 करोड़ रुपये सूद का भुगतान करेगी.
* राजकोषीय घाटा 2.3 प्रतिशत होने का अनुमान
सरकार कर्मचारियों के वेतन पर 9197.73 करोड़ रुपये खर्च करेगी. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन व पारिवारिक पेंशन में 4287.64 करोड़ रुपये खर्च करेगी. परिसंपत्तियों व आधारभूत संरचना के सृजन पर 10899.7 करोड़ रुपये खर्च करेगी. राज्य की आर्थिक स्थिति की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि योजना खर्च में पिछले साल के मुकाबले अत्यधिक वृद्धि के बावजूद सबकुछ एफआरबीएम एक्ट के दिशा- निर्देशों के अनुरूप है. एफआरबीएम एक्ट के तहत सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले राजकोषीय घाटा 2.3 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो निर्धारित सीमा तीन प्रतिशत के अंदर है.
* सड़कों पर अधिक ध्यान
– रांची-पतरातू-रामगढ़ रोड बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
वित्त मंत्री राजेंद्र सिंह द्वारा शुक्रवार को पेश बजट में उद्योगों विभाग के लिए 271 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. इस वित्तीय वर्ष में उद्योग विभाग द्वारा रांची-पतरातू-रामगढ़ स्टेट हाइवे के ईद-गिर्द इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर बसाने की बात कही गयी है. यानी इसके ईद-गिर्द छोटे-बड़े उद्योगों का जाल बिछेगा. इस सड़क पर इस समय जेएसपीएल का स्टील प्लांट है. बिजली बोर्ड का पावर प्लांट है और एक नया पावर प्लांट प्रस्तावित है. इसके अलावा कोल ब्लॉक भी हैं.
वित्त मंत्री ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बैंक से ऋण लेकर अपना उद्यम आरंभ करनेवाले उद्यमियों को 25 लाख तक के ऋण पर दो प्रतिशत इंटरेस्ट की छूट दिये जाने की बात कही गयी है. यह छूट अधिकतम पांच वर्षों तक के लिए होगी. इसके लागू होने पर सरकार प्रत्येक वर्ष 10 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन शीघ्र तैयार करने की बात कही गयी है. उद्योग विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा है कि कौशल विकास योजना के तहत सीआइडीसी के साथ एकरारनामा कर 500 व्यक्तियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी. रेशम विकास योजना के तहत तसर रेशम के विकास हेतु एक लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आकर्षणी, आमदा, सरायकेला-खरसावां व हजारीबाग में निफ्ट की सहायता से तसर एवं हस्त शिल्प के विकास पर काम किया जायेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य कौशल विकास मिशन का गठन किया गया है. इसे अब पूर्ण रूप से सक्रिय करना है. राज्य में सबसे ज्यादा बेरोजगारी महिलाओं और नि:शक्तों में व्याप्त है. राज्य सरकार इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उद्योग विभाग के जरिए उन्होंने बेरोजगारी और गरीबी पर सीधा प्रहार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि विस्तृत गाइडलाइन शीघ्र जारी होगी और बेरोजगारी दूर करने का प्रयास होगा.
* बनेंगे गरीबों के मकान
वर्ष 2011 की जनगणना के बाद राज्य के शहरों की जनसंख्या में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है. जनगणना के मुताबिक राज्य में 40 अधिसूचित शहरी निकाय हैं और 188 सेंसस टाउन हैं. नगर विकास विभाग का बजट जनगणना के आंकड़ों को आधार मानते हुए तैयार किया गया है. बजट में शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का निर्माण करने, शहरी बेरोजगारी दूर करने और गरीबी उन्मूलन को राज्य सरकार ने प्राथमिकता दी गयी है.
रांची, धनबाद, जमशेदपुर और चास में राजीव आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाने के लिए 266 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राजीव आवास योजना केंद्र सरकार के साथ 50:50 के अंशदान पर कार्यांवित की जायेगी. यानी योजना पूरी करने के लिए केंद्र सरकार भी 266 करोड़ रुपये राज्य सरकार को सहायता के रूप में प्रदान करेगी. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन को कार्यान्वित करने के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत पर केंद्र सरकार के साथ 75:25 के अंशदान का प्रावधान किया गया है. राज्य के सिनेमाघरों पर लगाये जानेवाले रख-रखाव शुल्क को बढ़ाया गया है.
वर्तमान में लिया जाने वाला रख-रखाव शुल्क एक रुपये, 1.5 रुपये और दो रुपये (शहरों के मुताबिक) को क्रमश: दो रुपये, तीन रुपये और पांच रुपये कर दिया गया है. साथ ही, आइएनआर (फिल्म प्रभाग की अनिवार्यता) को समाप्त कर दिया गया है. सिनेमाघरों के लाइसेंस नवीनीकरण की अवधि को विस्तार दिया गया है. अब सिनेमाघरों का लाइसेंस एक वर्ष की जगह तीन वर्षों के अंतराल पर नवीकरण किया जायेगा. राज्य के सभी सिनेमाघरों पर यह आदेश लागू होगा.
* तीन नये पावर प्लांट लगेंगे
ऊर्जा विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में 850 करोड़ का प्रावधान किया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में यह राशि 149 करोड़ कम है. वित्त मंत्री राजेंद्र सिंह ऊर्जा विभाग के भी मंत्री हैं. अपने बजट भाषण में उन्होंने पतरातू, भवनाथपुर व तेनुघाट में 1320 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट लगाने की बात कही है. कहा, पतरातू में 1320 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए बिडिंग आरंभ हो गयी है. 11 हजार ट्रांसफारमर जले हुए थे, जिन्हें बदला गया है. इस वित्तीय वर्ष में पांच हजार ट्रांसफारमर बदले जायेंगे.पीजीसीआइएल के माध्यम से 10 नये ग्रिड सब स्टेशन व 19 संचरण लाइन के निर्माण का कार्य चल रहा है. यह काम जुलाई 2014 तक पूरा होने की बात कही गयी है.
वित्त मंत्री ने कहा कि पतरातू, भवनाथपुर व तेनुघाट के कोल ब्लॉक के लिए तीनों स्थानों में एक-एक कोल वाशरी की स्थापना भी की जायेगी. यह काम प्राइवेट निवेश के जरिये की जायेगी. ताकि पावर प्लांट को सही कोयले की आपूर्ति हो सके. राज्य सरकार इसके लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगी. वित्त मंत्री ने कहा है कि सोलर पावर की दिशा में भी काम किये जा रहे हैं. सोलर एवं जल विद्युत को राज्य सरकार ने प्राथमिकता पर रखा है. उ़न्होंने कहा है कि पूर्व से चल आ रही योजनाओं को जनोपयोगी व व्यापक बनाया जायेगा.
* गांवों में पहुंचेगा पानी
पेयजल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में विश्व बैंक से सहायता लेकर अगले छह वर्षों के लिए योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा. इसके तहत राज्य में करीब 1250 करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च करने के प्रस्ताव पर विधानसभा ने सहमति प्रदान की है. पिछले वित्तीय वर्ष में 22.52 करोड़ रुपये की लागत से आठ ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है. 111.03 करोड़ रुपये की लागत से 10 नयी ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य शुरू किया गया है. वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में राज्य में 142.62 करोड़ रुपये की लागत से 27 नयी जलापूर्ति योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसके लिए बजट का प्रावधान किया गया है.
मनरेगा के साथ मिल कर ग्रामीण क्षेत्र में 2.5 लाख पक्के शौचालय निर्माण के लिए प्रावधान किया गया है. नलकूप और जलापूर्ति योजनाओं से संबंधित डाटा अपलोड एवं संकलन के लिए 6.76 करोड़ रुपये से 212 जीपीएस सिस्टम खरीदे जायेंगे. बजट में त्रिस्तरीय पंचायतों को पेयजल और स्वच्छता के लिए 10 लाख रुपये तक ग्राम जल स्वच्छता समिति, 10 लाख से अधिक और 25 लाख तक पंचायत समिति और 25 लाख से अधिक एवं 50 लाख तक जिला परिषद को योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार प्रदान किया गया है. इसके विरुद्ध कुल 540 योजनाओं का निर्माण पूरा कर लिया गया है. कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 11,060 निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध संस्थानों और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को सूचीबद्ध किया जा रहा है.
* आंगनबाड़ी केंद्रों व नि:शक्तों पर ध्यान
समाज कल्याण, महिला और बाल विकास विभाग का आकार दोगुना से अधिक कर दिया गया है. विभाग में 38400 आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार और अन्य योजनाएं लागू करने की पहल हुई. 20 हजार आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण को लेकर सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त राशि मांगी है. जमीन नहीं मिलने से 10 हजार आंगनबाड़ी केंद्र नहीं बन पाये हैं. सरकार आंगनबाड़ी सहायिका, सेविका की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. कुपोषण दूर करना, महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति भी सरकार गंभीर नहीं हो पायी है. मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करनेवाली सेविकाओं का मानदेय 1500 से बढ़ा कर 2250 रुपये किया गया है. मुख्यमंत्री बाल कल्याण सह बाल पोषक योजना का शुभारंभ अगले वर्ष करने का प्रस्ताव दिया गया है. इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है. महिला सशक्तिकरण के लिए हेल्पलाइन योजना अपराजिता शुरू किया गया है.
– खास बातें
* मोटर पार्ट्स हुआ सस्ता, अब टैक्स घटा कर 10 से पांच फीसदी
* यूपीएस महंगा, पांच से बढ़ा कर
– 14 फीसदी टैक्स
* छोटे उद्योगों के साथ शिक्षा ग्रामीण विकास, बिजली
* स्वास्थ्य सेवा, पथ निर्माण पर खास ध्यान
– चुनौतियां
* कर्मचारियों के वेतन पर खर्च 9197.73 करोड़
* पेंशन व पारिवारिक पेंशन पर खर्च 4287.64 करोड़
* चालू वित्तीय वर्ष 2013-14 में करीब 4800 करोड़ रुपये सरेंडर होने का अनुमान
– सभी वर्गों का ध्यान
बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. हर क्षेत्र में समान व समुचित विकास सरकार की प्राथमिकता रही है. बजट के माध्यम से सरकार ने अपनी भावनाएं सार्वजनिक की है. हमें राजस्व में बढ़ोतरी पर विशेष जोर देना होगा. सरकार इस दिशा में अनुशासित कदम उठायेगी. चुनावी वर्ष में अचार संहिता के कारण नयी योजनाओं को धरातल पर उतारने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं.
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री