रांची: झारखंड में वर्ष 2012 में हुए राज्यसभा चुनावों में विधायकों की खरीदफरोख्त की आरोपी झारखंड मुक्ति मोर्चा की फरार विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन की रांची की संपत्ति आज सीबीआई ने कुर्की कर ली.केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विशेष सीबीआई अदालत से पहली फरवरी को इस सिलसिले में मिली अनुमति के आधार पर सीता सोरेन के धुर्वा स्थित आवास की कुर्की की गयी.
अभी 16 फरवरी को मार्च 2012 में यहां राज्यसभा चुनावों में हुई खरीदफरोख्त के मामले में जेल में बंद निर्दलीय उम्मीदवार आर के अग्रवाल एवं अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को जमकर फटकारा था और पूछा था कि विधायक सीता सोरेन को एक वर्ष से भी अधिक समय में गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी है? इसी आलोक में आज की कार्रवाई को यहां देखा जा रहा है क्योंकि एक फरवरी को आर के चौधरी की विशेष सीबीआई अदालत से सीता सोरेन और उनके पिता बीएन मांझी के खिलाफ कुर्की जब्ती के आदेश हुए थे, लेकिन अब तक सीबीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की थी.
इससे पूर्व झारखंड उच्च न्यायालय ने इस वर्ष 24 जनवरी को सीता सोरेन के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई और गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा लिया था. इसके बाद यह तय हो गया था कि सीता सोरेन की गिरफ्तारी के लिए सभी संभव कदम सीबीआई उठायेगी.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन पर मार्च 2012 में हुए राज्यसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों से अपना मत देने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये नकद रिश्वत लेने का आरोप है. इस मामले में 14 फरवरी को विशेष सीबीआई अदालत ने निर्दलीय प्रत्याशी आर के अग्रवाल और पवन धूत के खिलाफ आरोप तय कर दिये थे.
इस मामले में सीबीआई की याचिका पर निचली अदालत ने गिरफ्तारी से बच रहीं सीता सोरेन के खिलाफ पहले भी कुर्की के आदेश दिये थे. इसके खिलाफ वह उच्च न्यायालय के शरण में पहुंच गयीं थीं. न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई पर स्थगनादेश दिया था. वर्ष 2012 में 30 मार्च को झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए हो रहे मतदान के दिन सुबह रांची के नामकुम इलाके से आरके अग्रवाल के एक रिश्तेदार की गाड़ी से आयकर विभाग ने छापा मारकर दो करोड़, 15 लाख रुपये नकद बरामद किये थे.झारखंड में सीबीआई उच्च न्यायालय के निर्देश पर 2010 और 2012 में हुए राज्यसभा चुनावों के दौरान कथित तौर पर विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले की जांच कर रहा है.