नामकुम: राजधानी रांची का विकास सरकार की प्राथमिकता है. रिंग रोड से न सिर्फ यहां के ट्रैफिक पर दबाव कम होगा, बल्कि शहर का विस्तारीकरण भी होगा. सड़क किसी भी राज्य की जीवन रेखा होती है़ यदि सड़कें अच्छी हों, तो विकास को स्वत: गति मिलती है. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को नामकुम के रामपुर में रिंग रोड फेज तीन, चार, पांच और छह के लोकार्पण समारोह में कही. श्री सोरेन ने कहा कि यह सड़क राज्य की पहली छह लेन सड़क है. सरकार न सिर्फ बेहतर सड़क, बल्कि हवाई सुविधा बढ़ाने पर भी गंभीर है़ रांची की सड़कों की सुंदरीकरण तथा चौड़ीकरण के लिए 200 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी है. दूसरे राज्यों को झारखंड से जोड़नेवाली सड़कों के बन जाने से परंपरागत व्यवसाय को मदद मिलेगी. पर्यटन को भी बढ़़ावा मिलेगा.
सीएम ने कहा, रिंग रोड के पहले व दूसरे फेज का काम एनएचएआइ तेजी से कर रहा है. श्री सोरेन ने भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित बिजनेस कॉरीडोर निर्माण की योजना पर चर्चा की और कहा कि केंद्र चंडीगढ़ से हल्दिया पोर्ट तक सड़क व रेलवे लाइन का निर्माण करेगी, जिससे झारखंड में भी कई क्षेत्रों को सड़क तथा रेल की सौगात मिलेगी. उन्होंने रिंग रोड के शेष तीन फेज के काम को जल्द पूरा करने तथा सड़कों के रख-रखाव की भी जानकारी दी. कार्यक्रम में विभाग के अभियंता प्रमुख रामनरेश रमन, उप सचिव गोपालजी तिवारी, जेएआरडीपी के मुकुंद सप्रे, सहित सीता लकड़ा, आरती कुजूर, पुष्पा तिर्की मौजूद थ़े
रिंग रोड राज्य को नयी दिशा देगा
नगर विकास तथा पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान के कहा ंिरंग रोड का लोकार्पण राज्य के विकास को नयी दिशा प्रदान करेगा. सांसद सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राज्य के बजट में पिछले 13 साल में काफी इजाफा हुआ है, इससे विकास के लिए धन की कमी नहीं रहेगी. रिंग रोड बनने से रांची का विस्तार होगा.
राष्ट्रीय औसत तक पहुंचेगा राज्य
पथ निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि इस वर्ष 1000 किमी सड़क 50 पुल बनाने का लक्ष्य है. विभाग ने सड़कों के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक, केंद्र तथा बड़ी कंपनियों को सहयोग का प्रस्ताव दिया है. इन सड़कों के बनने से झारखंड राष्ट्रीय औसत पर जल्द पहुंच जायेगा.
325 करोड़ से रिंग रोड फेज सात
मुख्यमंत्री ने रिंग रोड फेज सात की योजना को सैद्धांतिक सहमति दे दी है. यह सड़क 325 करोड़ से बनेगी. यह सड़क छह लेन की होगी. इसे कांठीटांड़ (एनएच 75) से विकास (एनएच 33) तक बनाया जायेगा. शीघ्र ही इस योजना को स्वीकृति देकर टेंडर आदि की प्रक्रिया की जायेगी.
एक नजर
मंगलवार को रांची रिंग रोड के फेज तीन, चार, पांच और छह को जनता को समर्पित किया गया. नामकुम से तुपुदाना, कांठीटांड़ तक बनी इस सड़क की लंबाई 36 किमी है. इसके निर्माण में 477 करोड़ रुपये की लागत आयी है. यह पथ छह लेन है. इस पर तीन बड़े पुल, नौ छोटे पुल दो फलाई ओवर, दो रेलवे पुल,106 पुलिया, 35954 मीटर पक्की नाली, 20 बस वाहन पड़ाव, चार भारी वाहन पड़ाव स्थल बनाये गये हैं. इस सड़क के निर्माण से रांची शहर में भारी वाहनों का प्रवेश नहीं होगा. यह पथ रांची से निकलने वाले सभी एनएच को जोड़ता है. इस सड़क के बनने से आवागमन में सुविधा के साथ यात्र के समय में कमी आयेगी.