रांची: आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार पर फिर से धुआंधार खर्च किये जाने की संभावना है. नामी-गिरामी हस्तियां और बड़े-बड़े नेता झारखंड के दूर-सुदूर हिस्सों में उड़नखटोले पर सवार होकर पहुंचेंगे. अपनी नीतियां, अपने सिद्धांत बता कर वादों के जरिये सुहाने सपने दिखायेंगे.
वोट मांगेंगे. चुनाव के दौरान उड़नखटोलों यानी हेलीकॉप्टरों पर राजनीतिक दलों द्वारा खूब खर्च किया जाता है. राजनीतिज्ञ और बड़ी हस्तियां अपना समय बचाने और दुरुह इलाकों तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं. किराये में हेलीकॉप्टर लेकर सफर करते हैं. वर्ष 2009 में हुए चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों ने हेलीकॉप्टर पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च किये थे.
हवा से बातें करते हुए पहुंचते हैं कांग्रेसी प्रचारक
झारखंड में कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करनेवाले नेता ज्यादातर हवा में ही रहते हैं. वर्ष 2009 में छह राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर पर 11.84 करोड़ रुपये खर्च किये गये. इस राशि में कांग्रेस का हिस्सा सबसे ज्यादा 9.94 करोड़ रुपये है. उसके बाद राजद ने हेलीकॉप्टर पर 1.06 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इसमें एलजेपी के नौ और सीपीआइ के छह प्रत्याशियों पर किया गया क्रमश: 13.5 लाख और 4.5 लाख रुपये खर्च शामिल हैं. क्षेत्रीय पार्टियां भी चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर का खूब प्रयोग करती हैं. गत चुनावों में झामुमो ने हेलीकॉप्टर पर 33 लाख और झाविमो ने 30 लाख रुपये खर्च किये थे. भाजपा और आजसू ने हेलीकॉप्टर पर किये जानेवाले खर्च का ब्योरा चुनाव आयोग को नहीं सौंपा है.
घूमने पर करोड़ों खर्च करते हैं प्रत्याशी
चुनाव आयोग को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सौंपे गये ब्योरे से पता चलता है कि विभिन्न दलों के चुनाव खर्च का बड़ा हिस्सा घूमने पर खर्च किया जाता है. कांग्रेस पार्टी ने चुनाव खर्च का 46.53 फीसदी प्रत्याशियों के घूमने पर खर्च किया है. जबकि प्रत्याशियों के प्रचार पर 8.18 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इसी तरह झामुमो ने चुनाव के दौरान कुल खर्च किये गये 78 लाख में से 45 लाख रुपये ट्रैवल एक्सपेंस बताया है.