धनबाद : मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने कहा : मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहने पर इस्तीफा नहीं दूंगा. दम है, तो वह मुझे बरखास्त करें. पार्टी हाइकमान सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के कहने पर एक मिनट भी देर नहीं करूंगा. मैं कांग्रेस का सिपाही हूं और पार्टी के कोटे से मंत्री बना हूं. इस कारण मेरी प्रतिबद्धता पार्टी के प्रति है. फिलहाल मेरा इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है. आलाकमान से भी कोई निर्देश नहीं मिला है.
हेमंत सोरेन से कोई विरोध नहीं है
मैं सिर्फ नीतिगत विरोध कर रहा हूं और उन्होंने अपने में बदलाव नहीं किया, तो आगे भी विरोध करूंगा. कांग्रेस में महर्षि समाज की उपेक्षा हो रही है. इस समाज को उसका हक मिलना चाहिए.
सीएम ने रोकी हैं विकास योजनाएं
इससे पहले बिलयापुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा : राष्ट्रपति शासन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विकास योजनाएं रोक रखी हैं. मैंने इसका विरोध किया है. मैं सरकार को दबा नहीं रहा. कुछ ऐसे लोग हैं, जो साजिश के शिकार हैं. शिबू सोरेन नहीं होते, तो हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री नहीं बनते. अपने बेटे को बाल श्रम आयोग का अध्यक्ष बनाना कोई गुनाह नहीं है. मेरा बेटा काबिल है, कांग्रेस का नेता है. आनेवाला विधानसभा चुनाव लड़ेगा.
मंत्री ददई पर इस्तीफे का दबाव
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से बात करने के बाद राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे पर इस्तीफे पर दबाव बढ़ गया है. खबर यह है कि कांग्रेस आलाकमान ददई दुबे से इस्तीफा मांगने का मूड बना चुका है. लेकिन इसके लिए सुरक्षित रास्ते तलाश रहा है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि आलाकमान चाहता है कि इस विवाद का सम्मानजनक हल निकले, इसी क्रम में धनबाद से कांग्रेस के टिकट पर ददई दुबे को चुनाव लड़ाने की बात कह कर उन्हें इस्तीफा के लिए मनाने का प्रयास किया जा रहा है.
हेमंत सोरेन व ददई दुबे विवाद को सुलझाने और रास्ता निकालने के लिए दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत की सोमवार को बैठक हुई. इस बैठक की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी. सुखदेव भगत को फोन किया गया, पर उनसे बात नहीं हो पायी.
सीएम के तेवर कड़े
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों की मानें, तो इस बार हेमंत सोरेन ददई दुबे को मंत्री पद से हटाने पर अड़े हैं. वह चाहते हैं कि कांग्रेस इस पर ठोस फैसला ले. ऐसा नहीं होने पर वह खुद सख्त कदम उठा सकते हैं. मंगलवार को इसका खुलासा किया जा सकता है. सोमवार को दिन भर इस बात की चर्चा रही कि मामले को सुलझाने के लिए ददई दुबे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगे, पर वह धनबाद में ही रहे.
कांग्रेस आलाकमान इस्तीफा मांगने के मूड में अभी कुछ तय नहीं हुआ है. जल्द ही सब ठीक हो जायेगा. मुख्यमंत्री और ददई दुबे से बात करूंगा.
बीके हरिप्रसाद, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी
झामुमो का मानना है कि कांग्रेस खुद ही ददई दुबे को मंत्री पद से हटा ले, अन्यथा पार्टी सीएम से उन्हें बरखास्त करने की मांग करती है. ददई बयानबाजी व अनर्गल आरोपों से बाज नहीं आ रहे हैं. झामुमो कार्यकर्ता उन्हें जवाब दे सकते हैं, पर वे गंठबंधन धर्म का पालन कर रहे हैं. कांग्रेस अविलंब ददई को वापस ले. इससे गंठबंधन की गरिमा भी बनी रहेगी.
विनोद पांडेय, झामुमो प्रवक्ता