विजय सिंह
भवनाथपुर वन क्षेत्र की कैलान, अरसली दक्षिणी व मकरी पंचायत
भवनाथपुर (गढ़वा) : भवनाथपुर वन क्षेत्र की कैलान, अरसली दक्षिणी व मकरी पंचायत में पिछले छह वर्षो से जंगल की कटाई हो रही है. इस दौरान करीब चार हजार एकड़ जंगल काट कर वहां गांव बसा लिया गया है. अब वहां फसल भी लहलहा रही है. जंगल काटने के आरोप में वन विभाग अब तक 200 लोगों पर मामला दर्ज कर चुका है. पर विभाग की ओर से अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी है. इन तीनों पंचायत में पहले घना जंगल था. जब से वन अधिकार अधिनियम लागू हुआ है, तब से वन विभाग से पट्टा पाने के लिए तेजी से जंगल काटे जा रहे हैं.
जंगल काटनेवालों की खौफ के कारण वनकर्मी जंगल में जाने से डरते हैं. वन क्षेत्र पदाधिकारी को बंधक बना लिया था : वर्ष 2008 से यहां जंगल काटे जाने के मामले में तेजी आयी. बिहार निवासी अगरिया जाति के नेता कैलाश अगरिया के नेतृत्व में गांव-गांव में बैठक कर जंगल कटवाये जाने लगे. जंगल काटे जाने की सूचना पर तत्कालीन वन क्षेत्र पदाधिकारी शांति प्रकाश खेस 26 जून 2008 को कैलान के मुरहा पहाड़ गये भी थे. लेकिन कैलाश अगरिया ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ उन्हें बंधक बना लिया था. बाद में पुलिस की मदद से वन क्षेत्र पदाधिकारी को मुक्त कराया था. इस मामले में कैलाश अगरिया, पचु अगरिया, रामचंद्र अगरिया, अशोक कोरवा, कामेश्वर भुइयां, विफन कोरवा को गिरफ्तार किया गया था.
वन विभाग की लापरवाही : वन समिति अध्यक्ष सुरेश साह ने कहा कि बड़े पैमाने पर जंगल काटे गये हैं. हमलोग विभाग को लगातार की सूचना भी देते हैं. वहीं, मुखिया सोना किशोर यादव ने कहा कि विभाग से कई बार लिखित व मौखिक शिकायत की गयी, परंतु कोई लाभ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वन विभाग की लापरवाही के कारण वनों की कटाई हो रही है.
वर्ष 2008 से काटे जा रहे हैं जंगल
जंगलों की कटाई हो रही है. लोग जोत-कोड़ कर रहे हैं. वैसे लोगों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है. अब तक 200 लोगों पर मामला दर्ज किया जा चुका है.