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गिरिडीह रहा बंद, यौन प्रताड़ना का आरोपी सिविल सर्जन निलंबित

गिरिडीह : सिविल सजर्न की बरखास्तगी की मांग को लेकर शनिवार को गिरिडीह बंद असरदार रहा. विभिन्न दल के लोगों ने सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान कई दुकानों को बंद कराया गया, वहीं कई प्रतिष्ठान स्वत: बंद थे. कई जगहों पर सड़क जाम भी किया गया था. इधर, यौन प्रताड़ना के […]

गिरिडीह : सिविल सजर्न की बरखास्तगी की मांग को लेकर शनिवार को गिरिडीह बंद असरदार रहा. विभिन्न दल के लोगों ने सड़क पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान कई दुकानों को बंद कराया गया, वहीं कई प्रतिष्ठान स्वत: बंद थे. कई जगहों पर सड़क जाम भी किया गया था. इधर, यौन प्रताड़ना के आरोपी सिविल सजर्न डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर को सरकार ने निलंबित कर दिया है. यह जानकारी गिरिडीह के उपायुक्त डीपी लकड़ा ने दी.

इस आशय का पत्र गिरिडीह को फैक्स संदेश के माध्यम से प्राप्त हो चुका है. विदित हो कि गिरिडीह एएनएम ट्रेनिंग स्कूल की छात्राओं ने सिविल सजर्न डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर पर यौन प्रताड़ना के अलावा कई गंभीर आरोप लगाये थे. आरोप में ईल हरकत करने, फब्तियां कसने, मानसिक यातनाएं देने, धमकी देकर अनैतिक कार्य करवाने की बात कही गयी थी. (पढ़ें पेज चार भी) मामले में उपायुक्त द्वारा गठित जांच कमेटी ने भी एएनएम छात्राओं के आरोपों को सही करार देते हुए अपनी रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर सौंप दी. उपायुक्त ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच कमेटी की रिपोर्ट के साथ सिविल सजर्न के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने की अनुशंसा की थी. इसी अनुशंसा के आलोक में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने सिविल सजर्न डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर को निलंबित कर दिया. वहीं विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है.

अंगों को छूते थे सिविल सजर्न

गिरिडीह. पीड़ित एएनएम छात्रा का बयान 164 सीआरपीसी के तहत न्यायिक दंडाधिकारी बीके गोस्वामी की अदालत में शनिवार को कलमबद्ध कर लिया गया. बताया जाता है कि इस दौरान प्रशिक्षु एएनएम ने पूरी आप बीती बतायी. कहा कि 29 जनवरी को वह होस्टल की अन्य लड़कियों के साथ अपने कमरे में थी. सामान्य तथा पीटीएस एग्जाम के बाद वार्ड में ड्यूटी के लिए जाना होता है.

लेकिन लिपिक त्रिपुरारी ने सभी लड़कियों को ओटी में चलने के लिए कहा. इसके बाद अन्य प्रशिक्षु एएनएम के साथ वह भी ओटी में गयी, जहां पर ऑपरेशन चल रहा था. यहां सीएस डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर आये और हाथ पकड़ कर महिला मरीज का पेटीकोट उतारने को कहा. मजबूरी में कपड़ा उतारा गया.

इसके बाद गलत तरीके से हाथ पकड़ कर सूई देने के लिए बताया गया. बताया जाता है कि पीड़िता ने बयान में यह भी कहा कि डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर होस्टल की लड़कियों को अपने ऑफिस में ले जाते हैं और उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं. अपशब्दों का भी इस्तेमाल करते हैं. 12 फरवरी को ट्रेनी एएनएम क्लास से आकर होस्टल में कपड़ा बदल रही थी, इस बीच बगैर पूर्व सूचना के सीएस कमरे में दाखिल हो गये.

हीटर चेक करने के बहाने सीएस कपड़ा बदल रही लड़कियों को देखने लगे. इस क्रम में वे प्रिंसिपल के कमरे में भी घुस गये. इसके बाद सीएस ने गैस सिलिंडर भी जब्त कर लिया, जिसके कारण दो दिन तक हमलोग खाना नहीं खा सके.

पीड़िता ने कहा है कि डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर प्राय: लड़कियों को गलत नजर से देखते हैं और उसके शरीर को छूते हैं. पीड़िता ने यह भी बताया कि जब ट्रेनी एएनएम क्लास में रहती है तो वहां से सीएस सभी को अपने चैंबर में बुला लेते हैं, बेवजह डांट-फटकार भी लगाते हैं. प्रिंसिपल के साथ भी सीएस डॉ चंद्रप्रकाश विभाकर गाली-गलौज करते हैं. इन कारणों से सभी ट्रेनी एएनएम मानसिक दबाव में रह रही है.

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