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मैडम,मां का फेसबुक फ्रेंड बुरी नजर रखता है

सोशल नेटवर्किग साइट कई सुविधाएं प्रदान करती हैं. पर कभी-कभी यह परिवार और समाज के लिए घातक भी होती हैं. अब ताजा उदाहरण रांची का है. सोशल नेटवर्किग साइट के कारण पहले एक परिवार बरबाद होता है. फिर परिवार की बच्ची को उसकी मां का फेसबुक फ्रेंड परेशान करता है. प्रताड़ित करता है. मामला जब […]

सोशल नेटवर्किग साइट कई सुविधाएं प्रदान करती हैं. पर कभी-कभी यह परिवार और समाज के लिए घातक भी होती हैं. अब ताजा उदाहरण रांची का है. सोशल नेटवर्किग साइट के कारण पहले एक परिवार बरबाद होता है. फिर परिवार की बच्ची को उसकी मां का फेसबुक फ्रेंड परेशान करता है. प्रताड़ित करता है. मामला जब काफी बढ़ गया, तो लड़की चीफ जस्टिस के आवास पर पहुंची. अपनी पीड़ा बतायी.

रांची: तान्या (काल्पनिक नाम) 12 साल की है और रांची के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पांचवीं क्लास में पढ़ती है. कई माह से वह प्रताड़ित हो रही थी. तान्या को इस प्रताड़ना से निकलने का रास्ता नहीं सूझा. किससे करे शिकायत, मां शिकायत पर भरोसा करने को तैयार नहीं. पिता से दूरी, क्योंकि मम्मी-पापा में तलाक हो चुका है. बेबस, परेशान तान्या के पास नाना-नानी का साया है. उसे लगा कि उसकी पीड़ा को सुन कर झारखंड हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश कोई राह दिखा सकती है. परेशान तान्या अपने नाना और नानी के साथ मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आर भानुमति से मिलने उनके आवास में पहुंच गयी. यह घटना सोमवार शाम की है. तान्या ने अपनी पूरी पीड़ा मुख्य न्यायाधीश को सुनायी. तान्या की कहानी सोशल साइट के साइड इफेक्ट को बयां करती है. मुख्य न्यायाधीश ने तान्या की पूरी कहानी सुनने के बाद उसका मनोबल बढ़ाया, उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कार्रवाई का आदेश दिया.

तान्या (काल्पनिक नाम) की मम्मी का फेसबुक (सोशल साइट) एकाउंट है. वह फेसबुक पर सक्रिय रहती हैं. फेसबुक पर उनके अनेक दोस्त (फेसबुक फ्रेंड) बने हैं. तान्या की मम्मी का एक फेसबुक फ्रेंड उसके घर आने-जाने लगा. मम्मी उसे सिर्फ एक बेहतर दोस्त समझती है, जबकि वही दोस्त तान्या पर बुरी नजर गड़ाये हुए है. जब भी वह उसकी मम्मी से मिलने आता है, तान्या को बुरी नजर से देखता है. कमेंट भी करता है. तान्या को वह प्रताड़ित करता है. तान्या ने अपनी मम्मी से उसकी शिकायत भी की, लेकिन मम्मी उसकी बात को मानने को तैयार नहीं है.

कहती है-वह ऐसे नहीं हैं. उनका मित्र उस पर बुरी नजर नहीं डाल सकता. अब तान्या मम्मी को कैसे समझाये कि उनका फेसबुक फ्रेंड पूरे परिवार को तोड़ रहा है, बरबाद कर रहा है. पहले ही मम्मी और पापा के बीच तलाक होने का असर तान्या पर पड़ा है. वह पापा के पास मम्मी के फ्रेंड्स की शिकायत नहीं कर सकती. बार-बार मम्मी को बताने के बावजूद जब मम्मी को तान्या की बात पर भरोसा नहीं हुआ, तो तान्या ने सारी बात नाना-नानी को बतायी. फिर नाना-नानी के साथ मुख्य न्यायाधीश के पास जाकर अपनी पीड़ा बतायी.

तान्या की बात को मुख्य न्यायाधीश ने ध्यान से सुना. सारी बातों को वह लिख कर भी लायी थी. तान्या के आवेदन पर उसी समय मुख्य न्यायाधीश ने झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी (झालसा) को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल ने स्थानीय पुलिस को तत्काल तान्या को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा. उसके घर पर सुरक्षा मुहैया करा दी गयी है. जिस तेजी से तान्या को सुरक्षा दी गयी, उससे तान्या को भरोसा है कि अब मम्मी का फेसबुक फ्रेंड उसे तंग करने की हिम्मत नहीं करेगा.

चाइल्ड केयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट 2000 के तहत बाल कल्याण समिति को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है. पति-पत्नी के तलाक के बाद लड़की की मां का फेसबुक दोस्त रांची आ गया. वह घर पर आने लगा. लड़की को परेशान करता था. डरी-सहमी लड़की अपने नाना-नानी के साथ चीफ जस्टिस के आवास पर गयी. एसके दुबे सदस्य सचिव, झालसा

* चीफ जस्टिस हुई गंभीर आवश्यक कार्रवाई के लिए झालसा को दिया निर्देश

* झालसा ने स्थानीय थाने को कह लड़की को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करायी

– लड़की की पीड़ा

* फेसबुक के कारण ही माता-पिता में हो चुका है तलाक

* घर आता है मां का फेसबुक फ्रेंड

चाइल्ड केयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट 2000 के तहत बाल कल्याण समिति को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है. पति-पत्नी के तलाक के बाद लड़की की मां का फेसबुक दोस्त रांची आ गया. वह घर पर आने लगा. लड़की को परेशान करता था. डरी-सहमी लड़की अपने नाना-नानी के साथ चीफ जस्टिस के आवास पर गयी.

एसके दुबे सदस्य सचिव, झालसा

क्या करें क्या न करें

घर-परिवार ही पहली प्राथमिकता है रिश्ते प्रभावित हों, तो उपयोग बंद करें

जमीनी रिश्ते को नकार सोशल साइट्स की आभासी दुनिया में न रमें

परिवार के अलावा सामान्य दोस्तों व संपर्कवालों से निजी बातें न करें

निजी पसंद, अकेलापन जैसी भावनाओं को सोशल साइट्स में शेयर करने से बचें

कम से कम और दायरे में रह कर बात करें, काम की बात करें, मर्यादित रहें

रिफरेंस से ना जुड़े, वक्तिगत तौर पर जानते हैं, तो दोस्ती करें

फेक इमेल आइडी से सोशल साइट में कोई भी जुड़ सकता है

बोरियत दूर करने के लिए उपयोग से बचें

सोशल साइट्स या ह्वाट्सएप में आपको पता चले बगैर कोई भी आपकी गतिविधि देख सकता है

दोस्तों से गॉसिप में अपनों का कॉल इग्‍नोर न करें, रिश्ते प्रभावित होंगे

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