रांची: पूर्व लोकसभा स्पीकर और नेशनल पीपुल्स पार्टी के संस्थापक पीए संगमा रविवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में रांची में थ़े कार्यक्रम के बाद उन्होंने राज्य अतिथिशाला में आदिवासी, ईसाई और राजनीति विषय पर विस्तार से चर्चा की़ उन्होंने स्पष्ट किया कि धर्म के आधार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए़ धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों का अनुपालन जरूरी है़ उन्होंने कहा कि हिंदुओं और ईसाइयों के बीच निकटता समय की मांग है़.
बीजेपी और ईसाई समुदाय निकट आयेंगे
उन्होंने कहा कि प्रोफेसर हटिंग्टन ने अपनी पुस्तक ‘क्लैश ऑफ द सिविलाइजेशंस’ में लिखा है कि वैश्विक फलक पर ईसाई व मुसलमानों के बीच शीत युद्ध अवश्यंभावी है़ इसलिए हिंदुओं और ईसाइयों की निकटता समय की मांग है़ धर्मातरण जैसे मुद्दे अब बेमानी हैं, जनगणना ने स्पष्ट कर दिया है कि ईसाई आबादी में आनुपातिक कमी आयी है़ कहा : लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी मेघालय, मणिपुर, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एनडीए से सहयोग करेगी़
आदिवासी क्षेत्रों में शक्तिशाली हुई बीजेपी
संगमा ने कहा कि यह तथ्य है कि आदिवासी क्षेत्रों में ईसाइयत बढ़ी है़ इस स्थिति में बीजेपी भी प्रो – ट्राइबल हो गयी है. विकास के ज्यादातर काम अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही हुए़ बीजेपी और आरएसस के सोच में भी बदलाव आया है़ लोगों को विकास चाहिए़
स्टेंस की हत्या ईसाइयत के खिलाफ नहीं
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सेक्यूलरिज्म शब्द को सिर्फ वोट बैंक के लिए इस्तेमाल किया़ नॉर्थ इस्ट में बांग्लादेशियों की घुसपैठ में कांग्रेसियों का मूक समर्थन रहा है़ ओड़िशा में पादरी ग्राहम स्टेंस की हत्या की घटना ईसाइयत के खिलाफ नहीं थी़ यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थी, क्योंकि उस दौरान ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों पर हमले हो रहे थ़े.
जरूरी है आदिवासी एकजुटता
उन्होंने कहा कि यदि आदिवासियों को सशक्त होना है, तो हर धर्म के आदिवासियों को एकजुट होना होगा़ देश में हमारी आबादी लगभग दस करोड़ है़ 47 लोस और 529 विस क्षेत्रों में इनका प्रभाव है. इसके बावजूद हम शक्तिशाली नहीं बन पाय़े हमने आदिवासी केंद्रित राजनीति के लिए नेशनल पीपुल्स पार्टी बनायी है़ हमें आदिवासियों के बीच अच्छा नेतृत्व तैयार करना है़.