रांचीः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी और सहयोगी दलों को आगामी लोकसभा चुनावों के बाद बहुमत मिलने की स्थिति में यदि पार्टी सांसद उन्हें चुनते हैं तो वह प्रधानमंत्री पद को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं.राहुल ने कहा कि वह खुद को प्रधानमंत्री पद के कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं करना चाहेंगे क्योंकि यह असंवैधानिक होगा और कांग्रेस सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करती.
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के प्रति कांग्रेस की सोच इसी से स्पष्ट हो जाती है कि आज देश के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री पद पर अल्पसंख्यक डा मनमोहन सिंह सुशोभित हैं.राहुल गांधी ने आज यहां अपने एकदिवसीय झारखंड दौरे में विभिन्न अल्पसंख्यकों से विचार विमर्श के दौरान यह बात रखी.
अल्पसंख्यकों को और सुविधाएं देने और सत्ता में भागीदारी देने के सिख समुदाय के एक सवाल के जवाब में राहुल ने तपाक से कहा, ‘‘आप को तो यह याद रखना चाहिए कि इस समय देश के सबसे शक्तिशाली पद (प्रधानमंत्री) पर आप के बीच के अल्पसंख्यक ही हैं.’’
राहुल ने दो टूक कहा कि कांग्रेस के राज में ही यह संभव है क्योंकि कांग्रेस अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक और धर्म, जाति की राजनीति नहीं करती है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस देश की जनता को अधिकाधिक सशक्त करने के लिए कृतसंकल्प है. राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा, ‘‘कांग्रेस ने देश की आम जनता को सर्वाधिक सशक्त किया है और इस उद्देश्य से ही हमने मनरेगा, सूचना का अधिकार अधिनियम, आदिवासी कानून, खाद्य सुरक्षा कानून, भूमि अधिग्रहण कानून और अब लोकपाल कानून पारित किया है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों द्वारा लाये गये कुछ कानूनों ने शासन की व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया है.
राहुल ने कहा, ‘‘आम लोगों को भारत में और ताकत देनी है. मेरी सोच यह है कि देश को अभी चार सौ से पांच सौ लोग चला रहे हैं जबकि ऐसी व्यवस्था करनी है कि लाखों लोग देश को चलाने में भागीदारी निभायें.’’