-महालेखाकार को नहीं दे रही जवाब
-पीएजी की ओर से भेजे जा रहे हैं निरीक्षण प्रतिवेदन
रांचीः महालेखाकार के ऑडिट के दौरान पकड़ में आयी 9794.39 करोड़ की गड़बड़ी पर सरकार चुप है. महालेखाकार को जवाब नहीं दे रही है. झारखंड बनने के बाद से महालेखाकार ने निरीक्षण प्रतिवेदनों के माध्यम से सरकार को लगातार इस गड़बड़ी की जानकारी दी है. पर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है. सरकार का जवाब नहीं मिलने से अनुत्तरित निरीक्षण प्रतिवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है.
सरकार के विभिन्न विभागों का महालेखाकार की ओर से हर साल ऑडिट किया जाता है. गड़बड़ी पकड़ में आने पर संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी से पक्ष लिया जाता है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर महालेखाकार निरीक्षण प्रतिवेदन (इंसपेक्शन रिपोर्ट) भेजते हैं. सरकार को इसका जवाब एक माह में देना होता है. पर झारखंड में सरकार इन प्रतिवेदनों पर कोई जवाब नहीं दे रही है. सरकार ने 2012 तक महालेखाकार के 963 प्रतिवेदनों का जवाब नहीं दिया. इनके माध्यम से 9794.39 करोड़ की गड़बड़ी के 6100 मामले उठाये गये हैं.
इन विभागों की ओर से नहीं मिल रहा जवाब
-खान विभाग में 1905 करोड़ की गड़बड़ी के 130 प्रतिवेदन
-स्टांप व निबंधन में 3419 करोड़ की गड़बड़ी से जुड़े 108 निरीक्षण प्रतिवेदन
-वाणिज्यकर में वैट से जुड़े 2188 करोड़ की गड़बड़ी के 146 प्रतिवेदन
-उत्पाद, परिवहन विभागों में भी गड़बड़ी से जुड़े प्रतिवेदन