रांची: झारखंड सरकार ने केंद्र से राजधानी के बहुप्रतिक्षित सिवरेज-ड्रेनेज योजना और तीन शहरों के शहरी जलापूर्ति योजना के लिए 1317 करोड़ रुपये की मांग की है. मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने इस संबंध में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय के सचिव डॉ सुधीर कृष्णा से कहा है कि केंद्रीय सहायता से राजधानी और तीन शहरों की सूरत बदल सकती है.
उन्होंने कहा है कि राजधानी के सिवरेज-ड्रेनेज परियोजना के पहले चरण को केंद्र ने अपनी मंजूरी देते हुए 302.81 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है. रांची की यह परियोजना चार चरणों की है, जिसके लिए केंद्र सरकार की एजेंसी सीपीएचइइओ ने 1519.25 करोड़ रुपये का प्रपोजल दिया है. परियोजना के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण के लिए झारखंड सरकार ने विदेशी फंडिंग एजेंसियों से बातचीत भी की है. पर इसकी पेंचीदगियों की वजह से योजना को पूरा करने में दिक्कतें हो सकती हैं. इसके साथ ही झारखंड पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी बढ़ेगा. ऐसी स्थिति में केंद्र परियोजना के लिए तत्काल 1216.45 करोड़ की मंजूरी प्रदान करे.
मुख्य सचिव ने कहा है कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय की ओर से अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड को जवाहर लाल नेहरू शहरी पुनरुद्धार योजना (जेएनएनयूआरएम) में कम अनुदान मिला है. उन्होंने कहा है कि झारखंड सरकार शहरी स्थानीय निकायों के स्तर पर रीफोर्म को तैयार है. इससे आनेवाले दिनों में सर्विस डिलिवरी मैकेनिज्म भी सुधरेगी. इसके साथ ही परियोजनाओं को त्वरित गति से क्रियान्वित किया जा सकेगा.
सीएस के निर्देश पर सरायकेला-खरसांवां, मेदिनीनगर फेज-2 और फुसरो शहरी जलापूर्ति योजना के लिए एक सौ करोड़ रुपये की मांग भी की गयी है. इन तीनों शहरों की योजनाओं को पेयजल और स्वच्छता विभाग से क्रियान्वित किया जायेगा. जलापूर्ति योजना के लिए भी जेएनएनयूआरएम से सहयोग करने का आग्रह किया गया है. इन योजनाओं को पीएचइडी से तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है.