रांची: सहकारिता विभाग में उपसचिव दिलीप झा के खिलाफ विधानसभा की विशेषाधिकार कमेटी ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है. साथ ही श्री झा के खिलाफ जारी निंदा प्रस्ताव को गोपनीय चारित्रिक प्रतिवेदन (सीआर) में भी दर्ज किया जायेगा.
विशेषाधिकार कमेटी ने श्री झा को जिला में पदस्थापन नहीं किये जाने का भी फैसला सुनाया है. उल्लेखनीय है कि गोड्डा विधायक संजय सिंह यादव ने तत्कालीन डीडीसी दिलीप झा पर विशेषाधिकार हनन का मामला लाया था. विधायक का आरोप था कि गोड्डा में डीडीसी रहते हुए श्री झा ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था.
विशेषाधिकार कमेटी ने इस मामले में गोड्डा डीसी से रिपोर्ट मांगी थी. सोमवार को विशेषाधिकार कमेटी की बैठक में उपायुक्त की रिपोर्ट और विधायक के आरोप के बीच समानता पायी. बैठक में अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता, संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह, प्रतिपक्ष के नेता अर्जुन मुंडा, सदस्य विनोद कुमार सिंह और समरेश सिंह शामिल हुए.
फैसला पुरानी कमेटी में हुआ था: विधायक श्री यादव के आरोप पर पिछली विशेषाधिकार कमेटी ने श्री झा पर फैसला लिया था. तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह ने निंदा प्रस्ताव को सीआर में दर्ज किये जाने का प्रस्ताव हटा दिया था. विधायक श्री यादव का आरोप था कि पिछली विशेषाधिकार कमेटी के फैसले को बदला गया है. वर्तमान कमेटी ने निंदा प्रस्ताव को सीआर में दर्ज करने का भी फैसला लिया.
विधायक से बीडीओ की बातचीत का डिटेल मंगाया
विशेषाधिकार कमेटी ने विधायक उमाशंकर अकेला द्वारा चंदवारा के सीओ ओम प्रकाश मंडल के खिलाफ लाये गये विशेषाधिकार हनन के मामले की सुनवाई की. विधायक का आरोप था कि एक दुर्घटना की सूचना चंदवारा में बीडीओ का काम देख रहे श्री मंडल को दी गयी, लेकिन उन्होंने कोई तत्परता नहीं दिखायी. वार्ता के दौरान मोबाइल पर अपशब्द का प्रयोग किया. समिति ने इस मामले में निर्णय लिया कि विधायक और बीडीओ की बातचीत का कॉल डिटेल मंगाया जाये. इसके साथ ही उपायुक्त को बुला कर पूरे मामले की जांच करायी जाये. इसके अलावा कमेटी ने विधायक हरे कृष्ण सिंह द्वारा जिला खेल पदाधिकारी, लातेहार के खिलाफ लाये गये प्रोटोकॉल उल्लंघन का मामला भी सुना. कमेटी ने लातेहार डीसी को अगली बैठक में बुलाया है.
पिछले अध्यक्ष की कार्रवाई लागू की गयी है
दिलीप झा पर विशेषाधिकार हनन का मामला पहले से चल रहा है. इस पर पूर्व अध्यक्ष के समय भी कार्यवाही चली है. डीसी की रिपोर्ट और विधायक के आरोप के बीच समानता पायी गयी है. कमेटी ने श्री झा को किसी भी जिला में पदस्थापित नहीं किये जाने का फैसला सुनाया है. साथ ही इनके आचरण को निंदनीय माना है. पिछले अध्यक्ष के कार्यकाल में भी इस कार्रवाई पर कमेटी ने सहमति जतायी थी, जिसे लागू किया गया है. पिछली कमेटी की प्रोसिडिंग से निंदा प्रस्ताव को सीआर में डाले जाने का प्रस्ताव काट दिया गया था. वर्तमान कमेटी ने उसे पुनर्जीवित करने का फैसला लिया है.
शशांक शेखरभोक्ता, स्पीकर