मेदिनीनगर : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि अगले तीन साल में झारखंड में चार नये मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. केंद्रीय कैबिनेट ने देश भर में 58 नये कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है, जिनमें चार झारखंड में खुलेंगे. मेडिकल कॉलेज कहां-कहां खुलेगा, यह राज्य सरकार को तय करना है.
कॉलेज की स्थापना में जो खर्च होंगे, उसमें 75 प्रतिशत केंद्र व 25 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी. ये मेडिकल कॉलेज जिले के सदर अस्पताल से जुड़े रहेंगे. साथ ही राज्य में जो मौजूदा मेडिकल कॉलेज हैं, उनमें 50-50 सीटें बढ़ेंगी. झारखंड में अभी जमशेदपुर, धनबाद व रांची में मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें कुल 350 सीटें हैं, जो बढ़ कर 500 हो जायेंगी. श्री रमेश रविवार को मेदिनीनगर में थे. उन्होंने आयोजित नेत्र चिकित्सा सह मोतियाबिंद जांच शिविर का उदघाटन किया.शिविर का आयोजन जिला प्रशासन, रांची के कश्यप मेमोरियल आई बैंक व भारतीय स्टेट बैंक के संयुक्त तत्वावधान में किया गया.
तीसरा प्रयास : उदघाटन समारोह में जयराम रमेश ने कहा कि पिछले आठ माह के दौरान राज्य में इस तरह का तीसरा प्रयास है. पहले सारंडा, फिर लातेहार व उसके बाद पलामू में यह शिविर लगा है. पलामू में सभी बच्चों का सर्वेक्षण हुआ है. तीन-चार माह में साढ़े तीन लाख बच्चों की स्क्रीनिंग हुई.
पलामू में जो कार्य हुआ है, वह उदाहरण है, ऐसा प्रयास देश के कम राज्यों में ही हुआ होगा. उन्होंने इसके लिए कश्यप मेमोरियल आई बैंक की डॉ भारती कश्यप व डीसी मनोज कुमार की सराहना की.
आंख की बीमारी के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य की समस्या है. सारंडा व लातेहार में बुजुर्गो का इलाज हुआ था. पलामू में अध्ययनरत बच्चों की आंखों की जांच हुई.
क्योंकि देखा जाता है कि आंख की बीमारी के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे. इसलिए अभियान के तौर पर यह काम शुरू किया गया है. राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में कैंप लगाया जा रहा है.
ये भी थे मौजूद
मौके पर कांग्रेस विधायक दल के उपनेता केएन त्रिपाठी, कश्यप मेमोरियल आई बैंक की डॉ भारती कश्यप, उपायुक्त मनोज कुमार, एसबीआइ के जीएम केके दास, डीजीएम प्रवीण काला, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एसके सत्पथी समेत कई लोग मौजूद थे.
150 दिन रोजगार
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने यह माना कि नक्सल प्रभावित इलाकों में मनरेगा के भुगतान में थोड़ी परेशानी है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री रमेश ने कहा कि उन इलाकों में नकद भुगतान करने को भी कहा गया है.
साथ ही यदि इन इलाकों में साल में 150 दिन रोजगार देने की जरूरत हुई, तो दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड में गंठबंधन की सरकार है. न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार चल रही है. जो भी समस्या है, उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
31 को होगा उदघाटन : जयराम रमेश ने कहा कि हजारीबाग, राजमहल और पलामू में 100 बेड के अस्पताल बन कर तैयार हैं. इनका उदघाटन 31 जनवरी को होगा. वह 31 जनवरी को फिर पलामू आयेंगे. स्वास्थ्य सुविधा में जो भी कमी है, उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
बच्चों से मिले
कार्यक्रम के बाद श्री रमेश गिरिवर स्कूल में गये. वहां कश्यप मेमोरियल आई बैंक की टीम द्वारा स्कूली बच्चों की गहन जांच की जा रही थी. वह बच्चों से मिले. उनसे पूछा कि आंख में क्या तकलीफ होती है. उनके साथ डॉ भारती कश्यप भी थीं.
आगे आयें डाक्टर : जयराम रमेश ने कहा कि दृष्टिहीनता के खिलाफ जो अभियान चल रहा है, उसमें डॉ भारती कश्यप ने जो सक्रियता दिखायी है, उससे दूसरे डाक्टरों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए और उन्हें इस तरह के कार्य में आगे आकर हाथ बंटाना चाहिए. डाक्टरों को शासन-प्रशासन द्वारा सहयोग किया जायेगा.
3101 मरीजों की हुई जांच : डॉ कश्यप
मेदिनीनगर : कश्यप मेमोरियल आई बैंक की डॉ भारती कश्यप ने कहा कि शिविर में 3101 मरीजों की जांच की गयी. इनमें 2160 अध्ययनरत बच्चे हैं. विजन फोर रूरल यंग इंडिया का प्रयोग किया गया है. इस प्रयोग के सूत्रधार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश हैं.
20 नवंबर से 14 दिसंबर तक लगभग साढ़े तीन लाख स्कूली बच्चों की आंखों की जांच करवायी गयी. सात हजार पारा शिक्षक व शिक्षकों द्वारा ई कार्ड से टेस्ट करा कर आंख की बीमारी से पीड़ित 1700 बच्चों का चयन किया गया था. सारंडा में भी श्री रमेश के साथ मिल कर मेमोरियल आई बैंक ने पहल की थी. अब पलामू में शुरू किये गये इस अभियान से आनेवाले दिनों में हेल्थ पॉलिसी को भी व्यावहारिक बनाने में सहायता मिलेगी.
बच्चों में दृष्टिहीनता समय रहते रोका जा सकता है. विटामिन ए की कमी की पहचान कर उन्हें शुरुआती दौर में ही विटामिन ए की गोली दी जायेगी. राज्य में दृष्टिहीनता का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से दोगुना है, इसलिए यहां इस तरह के अभियान की जरूरत है.