जमशेदपुर: आदिवासी मुंडा समाज की केंद्रीय समिति ने दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का पूरा परिवार आदिवासी समुदाय से है. इसको लेकर समाज के केंद्रीय अध्यक्ष शोभा सामंत और कार्यकारी अध्यक्ष राम सिंह मुंडा ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस की. प्रेस कांफ्रेंस में काजू सांडिल, मानिक सांडिल, जगदीश मुंडा, प्रकाश सांडिल मौजूद थे. साकची दीनदयाल भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कोर्ट में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता जगमोहन सोय न्यायालय को गुमराह कर रहे हैं.
याचिकाकर्ता को मालूम होना चाहिए कि तमाड़िया कोई जाति नहीं, सिर्फ क्षेत्र सूचक है. तमाड़ क्षेत्र से रोजी रोजगार के लिए पलायन किये मुंडा जाति को तमाड़िया कहा गया. मुंडा जाति की ही उपजाति पातर मुंडा, तमाड़िया मुंडा, खंगार मुंडा, कोल मुंडा, भूमिज मुंडा, हो मुंडा, मुंडारी मुंडा, पाहान मुंडा आदि है. रही बात खतियान की तो उस जमाने में सर्वेकर्ता ने क्षेत्र विशेष को ही जाति बना दिया जो उसकी गलती है. समिति के सदस्यों ने बताया कि जगमोहन सोय ने इससे पहले भी वर्ष 1995 में जब खरसावां से अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ रहे थे, तब चुनाव आयोग और उपायुक्त से शिकायत की थी. जिसमें अर्जुन मुंडा को आदिवासी बताया गया था.
प्रेस कांफ्रेंस में वीएन पातर, प्रभुराम मुंडा, चंद्रमोहन नाग, विनोद मुंडा, करण राम सांडिल, गणोश मुंडा समेत अन्य लोग मौजूद थे.
अर्जुन मुंडा की जाति की सीबीआइ जांच हो : सालखन
पूर्व सांसद सालखन मुमरू ने कहा है कि जगमोहन सोय द्वारा किया गया केस सही है. अर्जुन मुंडा आदिवासी नहीं है. उनके जाति प्रमाण की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. अर्जुन मुंडा ने संविधान और देश के साथ धोखेबाजी की है. यह गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि मैंने ही यह मुद्दा सबसे पहले उठाया था. इस मामले पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.