रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में बेरोजगारों की लाइनें लगी हैं. सभी को नौकरी देना तो संभव नहीं है, पर सरकार बेरोजगारों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास सरकार करेगी.
युवाओं के स्कील डेवलपमेंट के लिए कई कोर्सेज भी तैयार करेगी. इसके लिए हमने वित्त आयोग से राशि मांगी है. मुख्यमंत्री श्री सोरेन शुक्रवार को खादी सह सरस मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आज हम महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं, योजनाएं बनती हैं, लेकिन आउटपुट नहीं दिखता. खनिज तो हैं, पर इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पाया. क्योंकि, यहां लौह-अयस्क का खनन कर उद्योग लगाना सबके बस की बात नहीं है.
प्रयास यह रहेगा कि इस राज्य की ग्रामीण लोगों को स्वावलंबी बनाया जाये, ताकि गांव में जो कारीगर हैं उनके हुनर को तराश कर आगे बढ़ाया जा सके. स्वावलंबी बनाने के क्षेत्र में खादी ग्रामोद्योग अच्छा काम कर रहा है. इस मेला की खास बात यह है कि इसके माध्यम से काफी तादाद में महिलाएं जुड़ी हैं. उन्होंने दुमका में भी खादी मेले के आयोजन की बात कही. इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत बापू के भजन से हुई. मृणालिनी अखौरी ने अपनी टीम के साथ भजन प्रस्तुत किया. मौके पर एपीसीआई के डिप्टी सीइओ लेप्चा, माधव लकड़ा समेत बैंक व बोर्ड के कई अधिकारी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष जयनंदू से आग्रह किया कि खादी मेले की तरह बड़े पैमाने पर ब्लड डोनेशन कैंप भी लगायें.
कारीगरों को आगे बढ़ाने का होगा प्रयास : राजेंद्र सिंह
स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि गांवों में कारीगरों की कमी नहीं है. कमी है तो इन्हें आगे बढ़ाने की. सरकार इन कारीगरों को आगे बढ़ायेगी
आज भी रहेगा मेला : मेला का विधिवत समापन 10 जनवरी को हो गया. लेकिन, मेला 11 जनवरी को भी रहेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीणों कारीगरों के लिए कार्ययोजना तैयार करेगी. हुनर में वैल्यू एडिशन कर उन्हें दक्ष बनाने का काम करेगी.
उद्योगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत : आरएस शर्मा
मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि आज राज्य में हरेक क्षेत्र में विकास की संभावनाएं हैं. छोटे-छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन करने की जरूरत है. कारीगरों के उत्पादों को अच्छा बाजार मिलने से रोजगार के अवसर भी खुलेंगे. आज खादी को व्यापार के दृष्टिकोण से देखा जा रहा है. खादी के सारे उत्पाद मार्केट में बिक रहे हैं. झारखंड में हम गांवों के कारीगरों को मार्केट नहीं दे पा रहे हैं. लेकिन, विदेशों में सिल्क व डोकरा आर्ट बिक रहे हैं.
10 लाख लोग आये, छह करोड़ का कारोबार : जयनंदू
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष जयनंदू ने दावा किया कि 17 दिनों तक चले इस खादी मेला में लगभग दस लाख लोग आये. मेला ने छह करोड़ का कारोबार किया है. उन्होंने कहा कि गांवों के शिल्पकारों को रोजगार से जोड़ना मुख्य उद्देश्य है. इस मेले के जरिये झारखंड पूरे भारत के मानचित्र में शामिल हो चुका है. उन्होंने बोर्ड द्वारा उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कई कार्यक्रम चलाने की योजना बनायी गयी है. मेला के समापन के दिन भी लोगों की भीड़ काफी रही.
कंप्यूटर ऑपरेटरों को एक सामान मानदेय नहीं
जिला के विभिन्न कार्यालयों में पदस्थापित कंप्यूटर ऑपरेटरों को एक सामान मानदेय नहीं मिल रहा है. इसकी शिकायत कई बार उपायुक्त व अन्य अधिकारियों से की गयी है. एक ही तरह के काम के लिए अलग-अलग मानदेय मिलने पर कंप्यूटर ऑपरेटरों में नाराजगी है. उनकी मांग है कि मानदेय में एकरूपता होनी चाहिए. सभी कंप्यूटर ऑपरेटर संविदा पर नियुक्त हैं. इसमें प्रखंड व अंचल कर्मियों को 5800, जिला निर्वाचन में काम करनेवालों को 9500, एसडीओ कार्यालय में काम करनेवालों को 5500, सामाजिक सुरक्षा विभाग में काम करनेवालों को 14700 रुपये मानदेय के रूप में मिल रहा है. सचिवालय में काम करनेवाले कंप्यूटर ऑपरेटरों को 14700 रुपये दिये जाते हैं.