रांची: राज्य सरकार ने विकास के राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपनी आवश्यकताओं का ब्योरा 14वें वित्त आयोग को दिया है. साथ ही आवश्यक राशि बतौर अनुदान दिलाने की अनुशंसा करने का अनुरोध किया है. राज्य के सभी विभागों के लिए आयोग से 1.421 लाख करोड़ रुपये का अनुदान दिलाने की मांग की.
होटल बीएनआर में गुरुवार को 14वें वित्त आयोग के सदस्यों के सामने राज्य सरकार ने अपनी मांगें रखीं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सबसे पहले आयोग को राज्य की स्थिति और अपेक्षाओं से अवगत कराया. उसके बाद पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से वित्त सचिव एपी सिंह ने राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्योरा दिया. श्री सिंह ने राज्य के समग्र विकास के लिए पड़नेवाली जरूरतों के बारे में बताते हुए आयोग से आवश्यक राशि दिलाने की अनुशंसा करने का आग्रह किया. राज्य को मिलनेवाले टैक्स का उल्लेख करते हुए केंद्रीय करों में राज्य की भागीदारी बढ़ाने की बात कही.
वित्त आयोग के सदस्यों के समक्ष पांच अन्य विभागों के सचिवों ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया. पथ निर्माण विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा ने राष्ट्रीय औसत के मुकाबले राज्य में सड़कों की कमी को आंकड़ों के सहारे बताया. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव विमल कीर्ति सिंह ने राज्य में बिजली की उपलब्धता बताते हुए उत्पादन बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों और योजनाओं की जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बीके त्रिपाठी और एनआरएचएम के निदेशक मनीष रंजन ने स्वास्थ्य से संबंधित आधारभूत संरचनाओं की कमी और आवश्यकताओं का ब्योरा पेश किया. मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने शिक्षण संस्थानों की स्थिति का उल्लेख किया. कृषि सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने विषम परिस्थितियों के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन में किये गये कार्यो की जानकारी दी और राज्य की आवश्यकताओं का जिक्र किया.
आयोग के सदस्यों ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के बाद आयोग ने कई चीजों पर अतिरिक्त जानकारी मांगी. मुख्य सचिव आरएस शर्मा व अन्य अधिकारियों ने आयोग के सदस्यों को जानकारी देते हुए राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने के लिए सरकार द्वारा की जा रही मांगों को सही बताया.