रांची: विद्युत नियामक आयोग में अध्यक्ष नहीं होने से वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए जेएसइबी का टैरिफ (बिजली दर) निर्धारण नहीं हो सका. साथ ही टाटा स्टील, सेल, जुस्को व डीवीसी का भी टैरिफ एक वर्ष से लंबित है. कारण है कि आयोग में 15 दिसंबर 2012 के बाद से एक ही सदस्य (टेक्निकल) टी. कृष्णैया हैं.
अब जेएसइबी के बंटवारे के बाद बनी कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2014-15 का भी टैरिफ निर्धारण के लिए आवेदन देना होगा. आयोग में इस समय केवल एक सदस्य है. सचिव सेवानिवृत्त हो चुके हैं. लेखा पदाधिकारी नहीं हैं. केवल अनुबंध पर रखे गये 25 कर्मी ही काम कर रहे हैं.
सदस्य वित्त को शपथ दिलायेंगे मंत्री
सरकार ने दो जनवरी को सदस्य वित्त के रूप में सुनील वर्मा की नियुक्ति की है. श्री वर्मा प्रभार लेने के लिए आ चुके हैं, पर उनके शपथ को लेकर असमंजस है. बताया गया कि सदस्य को शपथ आयोग के अध्यक्ष दिलाते हैं, पर आयोग में कोई अध्यक्ष नहीं हैं. ऊर्जा विभाग ने मुख्य सचिव से इस संबंध में बात की. तब सरकार ने तय किया है कि सदस्य को ऊर्जा मंत्री शपथ दिलायेंगे. गुरुवार या शुक्रवार को मंत्री शपथ दिलायेंगे
नयी कंपनियां आवेदन देंगी : सरकार ने बिजली बोर्ड को बांट कर चार कंपनियां बना दी है. आयोग के सदस्य तकनीक टी. कृष्णैया बताते हैं कि अब जबकि नयी कंपनियां बन चुकी हैं, तो जेएसइबी टैरिफ के लिए आवेदन नहीं दे सकता, बल्कि बंटवारे के बाद बनी वितरण, ट्रांसमिशन और जेनरेशन कंपनी को अलग-अलग आवेदन देना होगा. इन तीनों कंपनियों के लिए अलग-अलग टैरिफ का निर्धारण होगा. आयोग द्वारा इस संबंध में सरकार से पूरी स्थिति से अवगत कराने की मांग की है. बोर्ड के बंटवारे से संबंधित पूरे कागजात आयोग ने मंगवाये हैं. सदस्य तकनीक ने बताया कि अध्यक्ष के नहीं रहने की स्थिति में आयोग के दो मेंबर मिल कर बिजली कंपनियों के टैरिफ का निर्धारण कर सकते हैं. दोबारा ऐसी स्थिति न आये, इसके लिए आयोग जन सुनवाई करा रहा है, ताकि एक मेंबर भी टैरिफ का निर्धारण कर सके.