रांची: यूपीए के अंदर गंठबंधन आसान नहीं है. कांग्रेस, झामुमो और राजद के बीच सीटें बांटना आसान नहीं होगा. घटक दलों के बीच सीट की गुत्थी सुलझाना कठिन कार्य होगा. कांग्रेस-झामुमो ने लोकसभा में 10-4 के फॉर्मूले पर गंठबंधन किया था. अब इस में राजद को भी सीट देनी होगी. कांग्रेस-झामुमो अपने तय फॉर्मूले में एक सीट राजद को दे सकते हैं. राजद अपने आधार वाले क्षेत्र में दावेदारी करेगा. पलामू, चतरा के साथ दूसरे इलाके पर नजर होगी. पलामू पर दावेदारी ठोकी, तो झामुमो के साथ टकराहट होगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह ने कहा है कि हम व्यावहारिक हैं. हम गंठबंधन के अंदर तीन से चार सीटों पर दावेदारी करेंगे.
धीरज ने लगाया है दम, फंस सकती है सीट : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने चतरा संसदीय सीट से मन बनाया है. कांग्रेस-झामुमो गंठबंधन में राजद शामिल हुआ, तो चतरा सीट को लेकर किचकिच तय है. धीरज साहू और प्रदीप बलमुचु 11 जनवरी से पलामू-चतरा में चुनावी मुहिम पर निकल रहे हैं.
पलामू पर राजद की नजर : पलामू राजद की परंपरागत सीट रही है. पलामू वर्तमान में झामुमो की सीट है. वह पीछे हटने के लिए तैयार नहीं होगा. झामुमो के सांसद कामेश्वर बैठा सक्रिय हैं. श्री बैठा ने भाजपा के आला नेताओं से भी संपर्क साधा है.
गिरिडीह-धनबाद पर भी जिच : कांग्रेस धनबाद को अपना सीट मान कर चल रही है. वहीं झामुमो की नजर भी धनबाद सीट पर है. गिरिडीह झामुमो कोटे में जा सकता है. इस सीट के विवाद को भी दोनों पार्टियों को सुलझाना होगा.
गंठबंधन में सीटों का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा. अभी कोई सीट तय नहीं हुई है. गंठबंधन का स्वरूप भी बदल सकता है. दावेदारी अलग मामला है, सोच-समझ कर गंठबंधन का खाका तैयार किया जायेगा.
सुखदेव भगत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष