रांची: पशुपालन विभाग में अब बिना पद के ही प्रतिनियुक्ति का खेल हो रहा है. सिमडेगा के जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ तरण सिंह को कांके स्थित पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (एलआरएस) में प्रतिनियुक्त किया गया है. डॉ सिंह को राष्ट्रपति शासन में ही जिला पशुपालन पदाधिकारी बना कर सिमडेगा भेजा गया था.
डॉ सिंह को सेवाकाल में पहली बार रांची से बाहर भेजा गया था. छह माह में ही उन्हें अतिरिक्त प्रभार देकर कांके बुला लिया गया है. मुख्यालय में पद नहीं होने के बाद भी पशु चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. निदेशालय में पशु चिकित्सकों के लिए तीन पद स्वीकृत हैं. इसमें निदेशक के अतिरिक्त संयुक्त निदेशक कुक्कुट, उप निदेशक योजना के पद हैं.
संयुक्त निदेशक के पद पर डॉ रजनीकांत तिर्की तथा उपनिदेशक योजना के पद पर डॉ विपिन खलखो हैं. मुख्यालय में ही उप निदेशक (सूकर विकास) के बैठने की व्यवस्था है, जबकि उनका कार्यालय कांके में है. इनके अतिरिक्त डॉ एमके झा, डॉ हेमा सिन्हा तथा डॉ जमालुद्दीन को मुख्यालय में प्रतिनियुक्त किया गया है. डॉ झा 2001 से ही मुख्यालय में प्रतिनियुक्त रहे थे. तत्कालीन सचिव अरुण कुमार सिंह ने उनके कार्यो पर प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए मूल पद (एलआरएस) में भेजा था. जून 2011 में आरडी ऑफिस में पदस्थापन किया गया. फिर उन्हें निदेशालय में बुला लिया गया है. इनकी प्रतिनियुक्ति का पद मुख्यालय में है ही नहीं.
बिना काम के ही 25 लाख से अधिक खर्च
बिना काम लिये ही पशुपालन विभाग अधिकारियों पर 25 लाख रुपये से अधिक खर्च कर रहा है. कांके स्थित बेकन फैक्टरी 15 वर्षो से बंद है. वहां नियमित रूप से अधिकारियों को पदस्थापित किया जा रहा है. वहां महाप्रबंधक के अतिरिक्त तीन पशु चिकित्सकों को पदस्थापित किया गया है. वहां काम करनेवाले अधिकारियों के पास कोई काम नहीं है. वर्तमान में वहां महाप्रबंधक पद पर डॉ रवींद्र नाथ कुमार, डॉ नीरज वर्मा, डॉ निंदर कौर तथा डॉ रवि कपूर हैं.