रांची: राज्य के आधे से अधिक उच्च विद्यालयों में शौचालय नहीं है. कुछ स्कूलों में तो स्थापना काल से ही शौचालय नहीं है. राज्य में लगभग दो हजार उच्च विद्यालय है.
इनमें से 1232 अपग्रेड, 594 राजकीयकृत, 187 प्रोजेक्ट व 25 राजकीय उच्च विद्यालय है. इनमें से आधे विद्यालयों में छात्राओं ने लिए अलग से शौचालय नहीं है. रांची जिले में कुल 73 राजकीय, राजकीयकृत व प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय है. इनमें से 22 उच्च विद्यालयों में छात्राओं के लिए शौचालय नहीं है, वहीं 19 स्कूलों में छात्रों के लिए भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
राज्य के उच्च विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था व शौचालय निर्माण के लिए भारत सरकार ने 1.05 करोड़ रुपये निर्गत कर दिया है. सभी जिलों को यह राशि भेज दी गयी है. शौचालय निर्माण के लिए 75 लाख व पेयजल के 30 लाख रुपये निर्गत किये गये हैं. स्कूलों को यह राशि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत दी गयी है. इसके लिए स्कूलों को चिह्न्ति करने का कार्य पूरा कर लिया गया है. वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए यह राशि दी गयी है. स्कूलों को कार्य पूरा होने के बाद जल्द से जल्द उपयोगिता प्रमाणपत्र देने को कहा गया है. पेयजल के लिए एक जिले को अधिकतम चार लाख व कम से कम 50 हजार रुपये दिये गये हैं. शौचालय के लिए सबसे अधिक 12 लाख रुपये बोकारो को दिये गये हैं.
पेयजल की व्यवस्था नहीं
कई स्कूलों में पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है. ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों की स्थिति अधिक खराब है. शहरी क्षेत्र के तो सभी स्कूलों में पानी की व्यवस्था नहीं है. स्कूलों में लगा चापाकल खराब है. कई स्कूलों में पेयजल के नाम पर कुआं है. राजकीय उच्च विद्यालय बरियातू में न तो चापाकल है और न ही पानी की व्यवस्था है. स्कूल में एक कुआं है. शंकरी उच्च विद्यालय, किसान उच्च विद्यालय पतराहातू में भी पानी की व्यवस्था नहीं है.