अवहेलना : सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धता बता रहे हैं अफसर और नेता
रांची :हाल में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि संवैधानिक पदों पर रहनेवाले ही लाल बत्ती का प्रयोग करेंगे. न्यायालय के आदेश के बाद भी झारखंड के कई अधिकारी लाल और पीली बत्ती का धड.ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने आदेश के बाद अपने वाहन से पीली बत्ती उतार दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह के भीतर संवैधानिक पदों की सूची तैयार करने का आदेश दिया है. केंद्र सरकार ने वैसे 90 लोगों को अधिसूचित किया है, जो लाल बत्ती का उपयोग कर सकते हैं.
लाल-पीली बत्ती लगाने का किसे है अधिकार
लाल बत्ती : राज्यपाल, मुख्यमंत्री, हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, झारखंड विधानसभा अध्यक्ष, सरकार के कैबिनेट मंत्री, विधानसभा में विरोधी दल के नेता, सरकार के राज्य मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष (अगर कोई हो), हाइकोर्ट के न्यायाधीश, सरकार के मंत्री/राज्य मंत्री/उप मंत्री का दरजा प्राप्त व्यक्ति, लोकायुक्त, झारखंड विधानमंडल के सत्तारुढ. दल के उप नेता, मान्यता प्राप्त विरोधी दल के मुख्य सचेतक, मुख्य सचिव, महाधिवक्ता, झारखंड लोकसभा के अध्यक्ष, विधानसभा की समितियों के सभापति, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग नयाचार (स्टेट प्रोटोकॉल) शाखा द्वारा राज्य अतिथियों के लिए उपयोग में लायी जाने वाली सभी गाड़ियां.
पीली बत्ती : सभी विभागीय आयुक्त/सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, आरक्षी महानिदेशक, आरक्षी महानिरीक्षक, परिवहन आयुक्त, क्षेत्रीय आरक्षी महानिरीक्षक, परिवहन आयुक्त, क्षेत्रीय आरक्षी उप महानिरीक्षक, सभी विभागाध्यक्ष, सभी जिला न्यायाधीश, महालेखाकार (झारखंड), आयकर आयुक्त, रेलवे के प्रमंडलीय प्रबंधक, महा डाकपाल, रक्षा लेखा नियंत्रक, सभी जिला अधिकारी, सभी आरक्षी अधीक्षक.
क्या है झारखंड में स्थिति
संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति ही लाल बत्ती लगा सकते हैं. राज्यों में उनके समकक्षों को यह अधिकार होगा पर ऑन ड्यूटी.
संबंधित व्यक्ति वाहन में नहीं हैं तो बत्ती को काले कवर से ढंक दिया जाये.
केंद्र ने 11 जनवरी 2002 व 28 जुलाई 2005 को अधिसूचना जारी की थी. उसी के आधार पर राज्य सरकार अपने यहां सूची तैयार करें और तीन माह मे जमा करें.
किसी भी वाहन पर म्यूजिकल व कर्कस आवाज करनेवाले हॉर्न का इस्तेमाल नहीं किया जाये. ऐसे वाहन माह के अंदर हॉर्न हटाये.
पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड व अन्य आपात एजेंसियों के वाहनों में लाल बत्ती न लगायी जाये. उन पर नीली, सफेद व बहुरंगी बत्तियां लगायी जा सकती है.