रांची: विधानसभा में शुक्रवार को जबरदस्त हंगामा हुआ. कार्यवाही बाधित रही. शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के टेट परीक्षा से भोजपुरी और मगही को हटाने के आदेश को लेकर विपक्ष के अलावा सत्ता पक्ष के विधायक भी आक्रोशित थे. सभी इस पर सरकार से जवाब मांग रहे थे. शिक्षा मंत्री की ओर से स्थिति स्पष्ट किये जाने की मांग पर अड़े थे. सरकार में शामिल कांग्रेस के विधायक-मंत्री भी अपनी पार्टी की मंत्री गीताश्री उरांव के फैसले से नाराज थे. सदन में हंगामा होता रहा, पर शिक्षा मंत्री चुप रहीं.
मुख्यमंत्री ने दिया जवाब : सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रभात खबर के 20 दिसंबर के अंक में छपी इससे संबंधित खबर पर हंगामा शुरू हो गया. पक्ष व विपक्ष के सदस्य प्रभात खबर की प्रतियां लहराने लगे. सभी सरकार से जवाब मांग रहे थे. इससे सदन की पहली पाली पूरी तरह बाधित रही. कोई भी विधायी कार्य नहीं हुआ. सदन की दूसरी पाली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा : ऐसे विषयों पर सरकार चिंतित रहती है. अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
सदन की गरिमा और राज्य की जनता के हित में फैसला होगा. ऐसे निर्णय कैबिनेट में होते हैं. हो सकता है, मंत्री की कोई ऐसी भावना रही होगी, लेकिन यह सरकार का आदेश नहीं है. इसकी गंभीरता को हम समझते हैं. हम कोई ऐसा निर्णय नहीं लेंगे, जिससे राज्य की जनता आहत हो. पूरे मामले की जांच करूंगा. मुख्यमंत्री ने कहा : अखबार में छपी खबर पर दिन भर हंगामा हुआ. इसे पूरी तरह सत्य मानना अन्याय होगा.
एकजुट हो गया पक्ष-विपक्ष
मुख्यमंत्री के जवाब से पहले स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता को तीन बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सुबह 10.30 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विधायक केएन त्रिपाठी ने मामला उठाया. इसके बाद पक्ष-विपक्ष के कई विधायक एकजुट हो गये. भाजपा के सीपी सिंह और रघुवर दास भी सरकार के फैसले का विरोध करने लगे. अखबार में छपी खबर को लेकर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग करने लगे. 20 मिनट तक हो-हंगामा होता रहा. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
दोबारा दिन के 11.22 बजे कार्यवाही शुरू हुई. पर विधायक तुरंत वेल में घुस आये. हंगामा करने लगे. विधायकों का कहना था कि सरकार भोजपुरी और मगही के छात्रों के साथ नाइंसाफी कर रही है. झामुमो के मथुरा प्रसाद महतो और जगन्नाथ महतो पहले स्थानीय नीति लागू करने की मांग करने लगे. हो-हंगामा के बीच स्पीकर के आदेश पर कई विधायकों ने अपनी बातें रखीं. भाजपा के रघुवर दास, सीपी सिंह, झाविमो के प्रदीप यादव, कांग्रेस के केएन त्रिपाठी और झामुमो के हेमलाल मुरमू ने अपनी बातें रखीं.
तीसरी बार दिन के 12.00 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो स्पीकर ने शिक्षा मंत्री को अपना पक्ष रखने के लिए कहा. झामुमो विधायक जगन्नाथ महतो और आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी सहित कई विधायकों का कहना था कि अखबार में छपी खबर पर मंत्री राय नहीं देंगी. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस, भाजपा, झाविमो के विधायक जवाब चाह रहे थे. हो-हंगामा देख स्पीकर ने दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. दूसरी पाली में मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन में हंगामा खत्म हुआ.
शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव के विरोध में कौन-कौन रहे मुखर
केएन त्रिपाठी, सीपी सिंह, रघुवर दास, अनंत प्रताप देव, विदेश सिंह, संजय प्रसाद यादव, सुधा चौधरी, बन्ना गुप्ता, अमित यादव, उमाशंकर अकेला, संजय प्रसाद यादव.
क्या-क्या हुआ सदन में
प्रभात खबर लेकर पहुंचे थे विधायक
एकजुट हो गये पक्ष और विपक्ष
शिक्षा मंत्री से जवाब मांगा, नारेबाजी की
कांग्रेस विधायकों ने ही कहा : किस मुंह से क्षेत्र में जायेंगे, छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रही है सरकार
तीन बार स्थगित हुई कार्यवाही
पहली बार 10.50 बजे स्थगित हुई. 11.22 बजे फिर से शुरू हुई
दूसरी बार 11.40 बजे स्थगित हुई. 12 बजे शुरू हो पायी
तीसरी बार 12.15 बजे दो बजे तक के लिए स्थगित की गयी
दूसरी पाली में मुख्यमंत्री के जवाब के बाद मामला शांत हुआ
सोच-समझ कर फैसला लें कांग्रेस के मंत्री
शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के फैसले का मामला दिल्ली पहुंच गया है. विधानसभा में शुक्रवार को इस मुद्दे पर हुए हंगामे की जानकारी भी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद तक पहुंचायी गयी. प्रदेश कांग्रेसियों की टीम दिल्ली पहुंच कर उनसे मुलाकात की. प्रदेश के नेताओं का कहना था कि भोजपुरी-मगही जैसे भाषा विवाद में कांग्रेस को नहीं पड़ना चाहिए. स्थानीयता के मामले में भी कांग्रेस फूंक -फूंक कर कदम रखे. प्रभारी ने कहा : संवेदनशील मुद्दों पर मंत्री सोच-समझ कर फैसला लें. संगठन को नुकसान नहीं होना चाहिए.
कांग्रेस के मंत्री वैसे मुद्दों पर राजनीति करेंगे, जिस पर दूसरे करते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने भी प्रदेश प्रभारी को संगठन के हालात और सरकार के कामकाज की जानकारी दी.
कोई मंत्री संगठन से ऊपर नहीं है : सुखदेव
प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा है कि कोई मंत्री संगठन से ऊपर नहीं है. पार्टी जो तय करेगी, सबको मानना होगा. राज्य में किसी की अनदेखी नहीं होगी. सबके हित का ख्याल रखा जायेगा. नीतियां पार्टी के अंदर तय होंगी. राज्य के इश्यू पर पार्टी स्टैंड तय करेगी.
सोनिया-राहुल से मिलेंगे कांग्रेसी
कांग्रेस की टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेगी. प्रदेश कांग्रेस के नेता लोकसभा चुनाव और संगठन पर बातचीत करेंगे. कांग्रेस नेता डॉ शैलेश सिन्हा, अनादि ब्रrा, राजेश कुमार शुक्ल, आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, सुरेंद्र सिंह, अजय सिंह, अजय दुबे, सुमीत्र पासवान, शमशेर आलम सहित कई नेता दिल्ली पहुंचे हैं.
सदन में स्पीकर ने कहा भ्रामक खबर है हल्ला नहीं करियेविधानसभा में हो-हल्ला हो रहा था. स्पीकर बार-बार पक्ष-विपक्ष के विधायकों को शांत करा रहे थे. 12 बजे के बाद विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो विधायक वेल में आ गये थे. इस पर स्पीकर ने कहा, आसन का सम्मान करें. खबर एक अखबार में छापी है. प्याले में तूफान उठा, सब हल्ला करने लगे. भ्रामक खबर पर हंगामा हुआ. हम इस मामले को क्लीयर कराना चाह रहे हैं. कोई कराने दे, तब न. अखबार में छपने पर इस तरह का हल्ला नहीं करिये. स्पीकर झल्लाये, एनोस एक्का से कहा : आप भी वेल में आ जाइये. आपको कौन भाषा चाहिए. विधायकों का महत्वपूर्ण सवाल है. ध्यानाकर्षण होने दीजिए. स्पीकर की टोका-टोकी के बावजूद हल्ला होता रहा.
हमारे पास सबूत है
प्रभात खबर तथ्यों पर आधारित प्रामाणिक खबरें ही छापता है. सदन में कार्यवाही के दौरान कई विधायकों ने अखबार में छपी खबर पर सवाल उठाये. इस खबर के प्रमाण हमारे पास हैं. बिना प्रमाण के हम खबर नहीं छापते हैं. यदि कभी तथ्यों में भूल हुई है, तो हम सार्वजनिक रूप से गलती भी स्वीकार करते हैं.कैबिनेट में भी करेंगे विरोध
मामला कैबिनेट में आयेगा, तो भी भोजपुरी-मगही को हटाने का विरोध करेंगे. जनता के हित में भोजपुरी, मगही को टेट से नहीं हटाया जाना चाहिए. झारखंड में रहने वाले सभी झारखंडी हैं. चंद्रशेखर दुबे, श्रम मंत्री