रांची: एक महत्वपूर्ण फैसले में शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस में अपराध अनुसंधान विभाग से तीन वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुए एक सिपाही को न्यायालय के आदेश के बावजूद अब तक सेवानिवृत्ति के लाभ न देने पर राज्य के गृह सचिव के वेतन लेने पर रोक लगा दी.
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीएन पटेल ने अशोक कुमार ठाकुर नाम के वादी की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किये.वर्ष 2010 में सेवानिवृत्त हुए अशोक कुमार ठाकुर को जब काफी दिनों तक सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिये गये तो उन्होंने न्यायालय की शरण ली थी और उच्च न्यायालय ने गृह सचिव को वर्ष 2012 में उन्हें सेवानिवृत्ति के लाभ देने के आदेश दिये थे.
लेकिन विभाग द्वारा अपनी सेवानिवृत्ति की देय राशि चुकाने के अदालत के आदेश का पालन ना करने के बाद ठाकुर ने एक अवमानना याचिका दायर की. अदालत ने सरकार से अपने आदेश का पालन करने के लिए कहा था और अवमानना याचिका दायर किए जाने के बाद आज सुनवाई की दूसरी तारीख तय की थी लेकिन विभाग उसके आदेश का पालन करने में असफल रहा.