रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज यहां घोषणा की कि राज्य में भोजपुरी और मगही भाषा के छात्रों के हितों की रक्षा सरकार करेगी साथ ही उन्होंने इन दोनों भाषा से राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा(टेट)देने वाले छात्रों को नियुक्ति प्रक्रिया से अलग करने के मानव संसाधन विकास मंत्री गीताश्री उरांव के निर्देश को गलत बताया.
मुख्यमंत्री ने आज भोजपुरी और मगही भाषाओं को टेट परीक्षा में अमान्य करने के राज्य की मानव संसाधन विकास मंत्री गीताश्री उरांव के कथित निर्देश के चलते विधानसभा में भोजनावकाश से पूर्व हुए हंगामे पर अफसोस जाहिर किया और दो टूक कहा, ‘‘ऐसा निर्णय कोई मंत्री अकेले नहीं कर सकता है. इस संबन्ध में कोई निर्णय यदि लेना होगा तो मंत्रिमंडल लेगा.’’
मुख्यमंत्री ने हंगामे के चलते भोजनावकाश के बाद दो बजे प्रारंभ हुई विधानसभा की कार्यवाही में भोजपुरी और मगही को टेट में कायम रखे जाने के बारे में पूछे गये सदस्यों के सवालों के अपने जवाब में कहा कि यह संबद्ध मंत्री का व्यक्तिगत विचार हो सकता है कि टेट में यह दोनों भाषाएं शामिल नहीं होनी चाहिए लेकिन सरकार इससे सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि वह हर हाल में इन दोनों भाषा भाषियों के हितों की रक्षा करेंगे.