रांची: भाजपा राज्य सरकार पर विधानसभा सत्र में हमला तेज करेगी. जनमुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है. बालू घाट, लचर विधि-व्यवस्था और स्थानीयता मुद्दे सामने लाये जायेंगे.
सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक प्रतिपक्ष के नेता अर्जुन मुंडा के आवास पर हुई. अध्यक्षता करते हुए श्री मुंडा ने सरकार की नीयत, नीति एवं राज्य की जनता के प्रति संवेदनशीलता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार राज्यहित के सभी मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है. न तो इस सरकार के पास मुद्दों से संबंधित कोई नीति है और न ही कार्यक्रमों के प्रति इच्छाशक्ति है. सरकार ने सोमवार को सदन में किसी भी सवाल का ठोस जवाब नहीं दिया. मुद्दों से जी चुराती रही.
बालू जैसे अहम विषय पर कैबिनेट और बाहर की चर्चा/निर्णय में भिन्नता है. सरकार के घटक दलों के आरोपों का भी जवाब देने में नेतृत्व अक्षम है. ढांचागत निर्माण ठप है. सड़क नेटवर्क क्षत-विक्षत है. यहां तक कि राष्ट्रीय उच्च पथ का भी मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. अंतरविरोधों की यह सरकार विधि-व्यवस्था, योजनाओं को जमीन पर उतारने में असमर्थ है. राज्य की प्राथमिकताएं सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती. अनुपूरक में जो मांगें सामने आयी हैं, वे पूर्णत औचित्यविहीन हैं.
भारत के वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति शासन में जब राज्य के बजट को संसद में रखा, तो जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप उनमें आर्थिक उपबंद क्यों नहीं किये गये. आश्चर्य तो यह है कि अनुपूरक के अलावा शीतकालीन सत्र में सरकार के पास कोई बिजनेस ही नहीं है. बैठक में 29 दिसंबर की नरेंद्र मोदी की विजय संकल्प रैली के संदर्भ में भी विधायकों के साथ विमर्श हुआ. रघुवर दास को छोड़ कर पार्टी के सभी विधायक बैठक में शामिल हुए.