रांची: चारा घोटाले (आरसी 20 ए/96) में जमानत मिलने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद 77 दिन बाद सोमवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से बाहर आ गये. बाहर आते ही वह सक्रिय हो गये. पहले जेल परिसर में ही स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा को प्रणाम किया.
फिर मीडिया से बातचीत की, कहा : सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए किसी का भी साथ मंजूर है. उन्हें रोकने के लिए कांग्रेस के साथ मिल कर काम करेंगे. नरेंद्र मोदी या कोई भी मोदी हो, उसे दिल्ली की सत्ता में नहीं आने दिया जायेगा. उन्होंने कहा : अब मैं बाहर आ गया हूं और कच्छा पहन कर लड़ने को तैयार हूं. देश में घूम-घूम कर धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करूंगा. सांप्रदायिक ताकतों को हस्तिनापुर से दूर रखूंगा. जेल से निकल कर लालू प्रसाद दिउड़ी मंदिर गये. वहां पूजा-अर्चना की. कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. लालू के साथ करीब 70 गाड़ियों का काफिला दिउड़ी मंदिर पहुंचा था. देर रात उन्होंने स्टेट गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की.
सीबीआइ पर बरसे : जेल परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा : सीबीआइ ने मेरे साथ अन्याय किया है. न्यायपालिका पर मुङो हमेशा से भरोसा रहा है. अन्ना देश में लोकपाल बिल लागू कराना चाहते हैं. लोकपाल बिल देश के लिए घातक है. मैं हमेशा उसका विरोध करता रहूंगा.
जेल में आनेवाले भाग्यशाली : उन्होंने कहा : मैं कुल एक साल जेल में रहा. जेल कृष्ण की जन्मभूमि है. जेल में आनेवाला भाग्यशाली है. जो जेल नहीं गया, समझो वह कुछ नहीं किया. उन्होंने मीडिया, जनता और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया. दिल्ली में सरकार नहीं बनने पर भी चुटकी ली, कहा : वहां सभी पार्टियों ने जनता के साथ झूठा वादा किया है. इस कारण कोई भी दल सरकार नहीं बना पा रहा है. राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की संभावनाओं से संबंधित सवाल वह टाल गये. इसके बाद वह फॉरचूनर कार (डीएल सी एबी-1244) में सवार होकर दिउड़ी मंदिर के लिए रवाना हो गये.
अन्नपूर्णा, संजय यादव रिलीज ऑर्डर लेकर पहुंचे
दिन के करीब 1.37 बजे राजद विधायक दल की नेता और मंत्री अन्नपूर्णा देवी, विधायक संजय यादव, लालू प्रसाद के पीए भोला यादव और उनका वकील रिलीज ऑर्डर लेकर जेल पहुंचे. उनके साथ सिविल कोर्ट का चपरासी भी था. सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद लालू प्रसाद अपने पुत्र तेजस्वी यादव के साथ जेल से बाहर निकले.
रेलवे गेस्ट हाउस से पुत्र संग कहीं चले गये लालू
चारा घोटाले के तहत सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद सोमवार को केंद्रीय कारा होटवार से जमानत पर निकलने के बाद शाम छह बजे रांची रेलवे गेस्ट हाउस पहुंचे. पांच मिनट बाद ही वे अपने पुत्र तेजस्वी के साथ कहीं निकल गये. इससे वहां उनका इंतजार कर रहे बिहार विधानसभा के पार्टी विधायक और स्थानीय नेता भी अचंभित रह गये. झारखंड प्रदेश राजद के अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह, विधायक विदेश सिंह, मंत्री सुरेश पासवान, प्रवक्ता डॉ मनोज और अन्य को भी इस बात की सूचना नहीं थी कि वे कहां गये. दोपहर दो बजे से उनकी रिहाई के बाद गेस्ट हाउस पहुंचने की चर्चा थी. इसको लेकर बिहार के बेला विधायक डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव, प्रेम शंकर यादव, मो नसीम अंसारी, झारखंड राजद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह, राम किशोर राय, छेदी लाल राम और अन्य भी अपने लोकप्रिय नेता की आवभगत को लेकर व्यापक तैयारियां कर रखी थीं. विधायक डॉक्टर यादव अपने साथ 30 से अधिक वाहनों का काफिला लेकर रांची पहुंचे हैं. पार्टी सुप्रीमो के साथ वे पटना तक जायेंगे. डॉक्टर यादव ने कहा कि उन्होंने सुबह में होटवार में पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात कर हालचाल पूछा था.
स्टेट गेस्ट हाउस में लालू का रात्रि विश्रम : झारखंड स्टेट गेस्ट हाउस में सोमवार की रात राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने रात्रि विश्रम किया. पार्टी कार्यकर्ताओं के भारी हुजूम की वजह से रांची रेलवे गेस्ट हाउस में श्री प्रसाद का रात्रि विश्रम करने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया.
बिना अनुमति विदेश नहीं जायेंगे
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो मुचलकों पर लालू प्रसाद को जमानत देने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में शर्त निर्धारित करते हुए बगैर अनुमति के विदेश जाने पर पाबंदी लगा दी.
विधायक संजय प्रसाद यादव से जमानत लेने बाद अदालत ने रिहाई से संबंधित आदेश जारी किया. लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने दिन के 11.15 बजे सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत में याचिका दाखिल की. इसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सक्षम अदालत द्वारा निर्धारित शर्त मानने और मुचलका देने के लिए लालू प्रसाद तैयार हैं. प्रभारी न्यायाधीश बाल मुकुंद राय ने इस पर विचार करने के बाद बगैर अनुमति के विदेश नहीं जाने की शर्त तय की. इसके लिए लालू प्रसाद को वचन देने (अंडर टेकिंग) का निर्देश दिया. साथ ही 25-25 हजार रुपये का मुचलका देने का निर्देश दिया. अदालत के इस निर्देश के बाद अंडर टेकिंग का दस्तावेज तैयार कर बिरसा मुंडा जेल भेजा गया. जेल में लालू प्रसाद ने उस पर अपना हस्ताक्षर किया.
जेल अधीक्षक ने उसे अभिप्रमाणित किया. इसके बाद इसे अदालत में पेश किया गया. जल संसाधन मंत्री अन्नपूर्णा देवी और विधायक संजय यादव ने 25-25 हजार का मुचलका भरा. दोनों ने ही जमानत के तौर पर अपनी-अपनी इनोवा कार के दस्तावेज पेश किये. जमानदारों की पहचान और जांच के लिए दोनों अदालत में पेश हुए. न्यायाधीश ने दोनों का नाम पुकारा. जवाब में दोनों ने ‘जी सर’ कहा. इसके बाद अदालत से रिहाई आदेश बना. करीब एक बजे अदालत के कर्मचारी के साथ लालू प्रसाद के वकील रिहाई आदेश लेकर जेल के लिए रवाना हुए.
क्या है नियम
लालू प्रसाद की याचिका पर सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश बाल मुकुंद राय ने सुनवाई की. हालांकि याचिका विशेष न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत के नाम दाखिल किया गया था. श्री सिंह का तबादला हो चुका है. वह विशेष न्यायाधीश चतुर्थ के पद पर पदस्थापित थे. इस पद पर जब तक किसी का नियमित पदस्थापन नहीं होता, तब तक विशेष न्यायाधीश चतुर्थ की अदालत में दायर किये जानेवाली याचिकाओं पर पीके सिंह के नाम का ही उल्लेख करने का नियम है.
जी सर! आज छूटना है
जी सर! आज छूटना है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान लालू प्रसाद ने हाथ जोड़ कर, विशेष न्यायाधीश को प्रणाम किया और यह बात कही.
नीले रंग का स्वेटर, कुर्ता-पायजामा पहन कर और चश्मा लगा कर लालू प्रसाद दोपहर करीब 12 बजे जेल के वीडियो कांफ्रेसिंग रूम में हाजिर हुए. चारा घोटाले के तीन मामलों में उनकी पेशी थी. कांड संख्या आरसी 68ए/96 में सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश एके मिश्र ई-कोर्ट में बैठे थे.
न्यायाधीश ने उपस्थिति दर्ज करने के बाद पूछा ‘लालू जी आज छूटना है न? न्यायाधीश का सवाल सुनते ही लालू प्रसाद ने हाथ जोड़ा, झुक कर प्रणाम किया. सीधा खड़ा हुए और कहा: जी सर! बेल बांड भरा रहा है. बिना पूछे विदेश नहीं जानेवाला शपथ देना है. दस्तखत करने का इशारा करते हुए कहा अभी दस्तखत करा के ले गये हैं लोग. पहिले वाला ही शर्त है. सर! हम कहां विदेश जाते हैं.
घोटाले के इसी मामले में जगदीश शर्मा, फूल चंद सिंह, बेक जूलियस की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए. जगदीश शर्मा लालू के बगल में, बेक जूलियस, फूल चंद सिंह उनके पीछे खड़े थे. इन लोगों ने भी अपनी न्यायाधीश द्वारा नाम पुकारे जाने के बाद झुक कर प्रणाम किया और अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. इसके बाद न्यायाधीश ने पूछा कि जेल में कोई दिक्कत है क्या.
सब ने एक स्वर में कहा नहीं सर. कांड संख्या आरसी आरसी 47ए/96 और आरसी 64ए/96 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लालू प्रसाद की पेशी हुई. कांड संख्या 64 में पेश के दौरान भी लालू प्रसाद ने हाथ जोड़ कर न्यायाधीश सीताराम प्रसाद से कहा था कि वह आज छूट जायेंगे. आरसी 47 में विशेष न्यायाधीश बाल मुकुंद राय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लालू प्रसाद की उपस्थिति दर्ज की.
हेमंत सोरेन मिले लालू प्रसाद से
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद से स्टेट गेस्ट हाउस में मुलाकात की. दोनों के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई. सीएम को श्री प्रसाद ने कहा कि अभी सरकार ठीक चल रही है. उन्होंने हेमंत सोरेन के जनहित में काम करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि समय कम है, काम ज्यादा है. सरकार जनता के कार्यो को करें, ताकि जनता को भी एहसास हो कि सरकार उनके लिए बनी है. राजद का जनहित के कार्यो में हमेशा समर्थन रहेगा.
झारखंड व बिहार के कई नेता आये थे
विधायक संजय यादव, विधायक भाई दिनेश यादव,जनार्दन पासवान, सुरेंद्र यादव,अनिरुद्ध प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश नारायण यादव, राज्यसभा सांसद, प्रेमचंद गुप्ता, बिहार के मीडिया प्रभारी रणधीर यादव, पूर्व सांसद आलोक मेहता, राजनीति प्रसाद, मो जावेद, राजद महिला अध्यक्ष पूनम झा, रीता कुमारी, मनिका के पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह चेरो, प्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार, शैलेंद्र, राजद युवा के जिला अध्यक्ष शौकत अंसारी, ज्ञानचंद पांडेय, राजदेव सिंह यादव आदि मौजूद थे.
लालू ने कमाये 642.50 रुपये
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जेल में 77 दिन रहे. इस दौरान उन्होंने बागवानी की और 25 पौधे भी गमले में लगाये. उन्होंने सश्रम कारावास की सजा काटी. उन्होंने 45 दिनों तक बागवानी की. सूत्रों के अनुसार सश्रम कारावास के दौरान उन्होंने प्रतिदिन 45 रुपये के हिसाब से 642.50 रुपये कमाये. जेल का नियम है कि बंदियों का मेहनताना उसके अकाउंट में डाला जाता है. लालू प्रसाद की कमाई का पैसा भी उनके अकाउंट में डाला गया है. गौरतलब है कि चारा घोटाला के आरसी-20ए/96 में उन्हें तीन अक्तूबर को पांच साल की सश्रम कारावास व 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
लालू ने दिउड़ी में की पूजा
जेल से निकलने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सोमवार को दिउड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की. श्री प्रसाद दोपहर के 3.33 बजे मंदिर परिसर पहुंचे.
करीब 10 मिनट तक वह मंदिर परिसर में रुके. उनके पहुंचने की खबर मिलते ही दिउड़ी मंदिर परिसर में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. पूजा-अर्चना करने के बाद वह दिउडी के समीप मैदान पहुंचे. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि मुङो साजिश के तहत फंसाया गया. भाजपा को देश से भगाना होगा. भाजपा भारत भगाओ पार्टी है. नरेंद्र मोदी सबसे बड़ा सांप्रदायिक है. देश को बांटना चाहता है. इस क्रम में लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव मंत्री सुरेश पासवान, गिरिनाथ सिंह, संजय यादव, कृष्णा यादव, राजदेव सिंह यादव, रंजन यादव, विजय यादव, अनिल सिंह आजाद, देवशरण मुंडा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे. यहां लालू प्रसाद के स्वागत में छऊ नृत्य का आयोजन किया गया. श्री प्रसाद लगभग 70 गाड़ियों के काफिले के साथ दिउडी मंदिर पहुंचे थे.