रांची : चारा घोटाले के एक मामले में पांच वर्ष की सश्रम कारावास की सजा पाने के बाद 77 दिनों तक यहां बिरसा मुंडा जेल में काटने के बाद आज जमानत पर रिहा होने के समय राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने लगभग एक हजार रुपये का अपना मेहनताना जेल के खाते में ही छोड़ दिया.
बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक दिलीप प्रधान ने बताया कि लालू ने चौदह रुपये प्रति दिन के हिसाब से लगभग सत्तर दिनों की अपनी न्यायिक हिरासत के दौरान एक हजार रुपये कमाये थे जो उन्होंने आज रिहाई के दौरान नहीं लिया और उसे जेल के खाते में ही छोड़ दिया.
उन्होंने बताया कि लालू ने अपने को शारीरिक रुप से फिट रखने के लिए माली का काम लिया था और जेल के बगीचे में वह बागवानी करते थे. प्रधान ने बताया कि पहले तो उनको शिक्षक का कार्य दिये जाने की बात थी लेकिन बाद में उन्होंने स्वयं अपने को फिट रखने के लिए बागवानी का कार्य लिया.
लालू को चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने के एक मामले में 30 सितंबर को यहां विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था. तीन अक्तूबर को अदालत ने उन्हें पांच वर्ष के सश्रम कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. इस मामले में उनके अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 44 अन्य को भी अदालत ने सजा सुनायी थी.