रांची: राज्य के 85 इंटर कॉलेजों में से मात्र सात कॉलेजों ने ही शिक्षकों की बीएड की डिग्री जमा की है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने 30 नवंबर तक इन कॉलेजों के शिक्षकों को बीएड की डिग्री जमा करने को कहा था. झारखंड इंटरमीडिएट महाविद्यालय स्थापना अनुमति एवं प्रस्वीकृति नियमावली 2005 में कॉलेजों को शिक्षकों को बीएड की डिग्री के लिए तीन वर्ष का समय दिया गया था. प्रावधान के अनुरूप शिक्षकों को वर्ष 2010 तक बीएड कर लेना था. शिक्षकों द्वारा बीएड नहीं किये जाने के बाद तीन वर्ष का समय दिया गया. वर्ष 2013 तक बीएड की डिग्री प्राप्त करने को कहा गया. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इस संबंध में सभी कॉलेजों से जानकारी मांगी थी, एक भी कॉलेज ने शिक्षकों के बीएड की डिग्री के बारे में जैक को जानकारी नहीं दी है.
मान्यता समाप्त होने का प्रावधान
नियमावली के अनुरूप इंटर कॉलेज के शिक्षकों के लिए संबंधित विषय में स्नातकोत्तर परीक्षा में 45 फीसदी अंक एवं मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड पास होना अनिवार्य है. इंटर के शिक्षकों को इसके लिए तीन वर्ष का समय दिया गया था. नियमावली में कहा गया है कि अगर निर्धारित समय सीमा में शिक्षक बीएड की डिग्री प्राप्त नहीं करते हैं, तो कॉलेज की मान्यता स्वत: समाप्त हो जायेगी.
संशोधन की प्रक्रिया
झारखंड इंटरमीडिएट महाविद्यालय स्थापना अनुमति एवं प्रस्वीकृति नियमावली 2005 में संशोधन की प्रक्रिया जुलाई 2012 से चल रही है. इनमें शिक्षकों को बीएड से छूट देने की बात कही गयी है. नियामवली को अभी तक कार्मिक व वित्त विभाग की स्वीकृति नहीं मिली है.